भोपाल/सतना। सतना नगर निगम आयुक्त को रिश्वत लेने के आरोप में मंगलवार को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 जून तक रिमांड पर लोकायुक्त पुलिस रीवा को सौंप दिया। कथुरिया के निवास से कुछ बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। अब उनकी इंदौर की संपत्ति की जांच भी की जाएगी। साथ ही यहां के उनके कनेक्शन पर भी नजर है।
बताया जा रहा है एक-दो दिन में उनके बैंक लॉकर भी खोले जाएंगे। उधर, सरकार ने एक्शन लेते हुए मंगलार को कथुरिया को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय रीवा कमिश्नर कार्यालय रहेगा।
बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले
कथुरिया को सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने 12 लाख रुपए नकद और 10 लाख रुपए का सोना लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। उन्होंने डॉ. राजकुमार अग्रवाल के तीन मंजिला बिल्डिंग पर कार्रवाई न करने के एवज में 50 लाख रुपए मांगे थे। पहली किस्त लेते ही वे पकड़ा गए थे। रीवा लोकायुक्त के एएसपी देवेश पाठक ने बताया कि ट्रेप कार्रवाई के बाद कथूरिया के सरकारी आवास में कुछ बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं।
इसके अलावा रिश्वत के 12 लाख रुपए एवं 10 लाख रुपए के सोने के अतिरिक्त 15.17 लाख रुपए नगद तथा बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं।
अनुपातहीन संपत्ति का केस भी दर्ज
एएसपी पाठक ने बताया कि कथूरिया के पास बेनामी संपत्ति मिलने के बाद जांच के दायरे को बढ़ाते हुए अब अनुपातहीन संपत्ति का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। आगे की जांच के लिए कथूरिया को उनके गृह जिले खरसिया ले जाया जाएगा।
पुलिस के पास पुख्ता सबूत
सूत्रों के मुताबिक कथुरिया के मामले में सीएम शिवराजसिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बताया जा रहा है कि लोकायुक्त पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में कथुरिया को दोषी बताया गया है। पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि उन्होंने रिश्वत मांगी थी। इसके लिए दबाव भी बनाया। इसी आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार देर शाम कथुरिया को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।