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17 दिन में नहीं हुई व्यवस्था, मंडी में भीग रही करोड़ों की प्याज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 27 2017 12:19PM | Updated Date: Jun 27 2017 12:19PM
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भोपाल। किसानों के आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार शहर में सरकारी तंत्र ने प्याज खरीदी केंद्र शुरू कर दिए हैं, जिसके लिए करोंद और भैंसाखेड़ी मंडी में यह खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। मुख्य रूप से करोंद में मार्कफेड द्वारा सरकारी समर्थन मूल्य पर 8 रुपए प्रतिकिलो की दर पर प्याजखरीदी तो जा रही है, लेकिन मंडी में इसके सुरक्षित रखरखाव की पर्याप्त व्यवस्था न होने से करोड़ों रुपए की प्याज पानी में भीगकर अब सड़ने के कगार पर है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी की घोषणा होते ही मंडियों में प्याज विक्रेता किसानों की जैसे भीड़ लग गई। 
 
विडंबना यह है कि खरीदी केंद्र शुरू होने के 17 दिन बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम को प्याज के रखरखाव की समुचित व्यवस्था नहीं मिली है। फलस्वरूप करोंद मंडी के शेडों में रखी करीब दो लाख टन से अधिक प्याज दो-तीन दिन से बरसते पानी में भीग रही है। लोगों का कहना है कि अगर एक-दो दिन और यही हाल रहा तो प्याज सड़ने लगेगी, जिसकी दुर्गंध के कारण यहां ठहरना तो दूर आम जनता को मंडी के आसपास से गुजरना भी मुश्किल हो जाएगा। 
 
प्याज उठाने की व्यवस्था नहीं
प्याज को मंडी से उठाने और परिवहन का जिम्मा नागरिक आपूर्ति निगम को सौंपा गया है, लेकिन निगम प्रबंधन अब तक प्याज उठाने की व्यवस्था नहीं जुटा पाया है, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। यही हालात रहे तो अगले तीन-चार दिन में ही प्याज खरीदी में शासन को करोड़ों रुपए की हानि हो सकती है।

तीन दिन अवकाश के बाद आज से शुरू होगी नीलामी
पिछले तीन दिन अवकाश के बाद मंगलवार से मंडी परिसर में स्थापित खरीदी केंद्र पर प्याज की नीलामी फिर शुरू हो जाएगी। दरअसल किसानों की प्याज से भरी ट्रालियां लाइन में आकर खड़ी हो गई हैं। उधर प्याज की भारी आमद को देखते हुए शासन ने किसानों को पूर्व में भी आगाह कर दिया है कि 24 जून से मंडी में विक्रय के लिए आने वाली प्याज के संबंध में पूरी जानकारी भी लानी होगी।
 
इसके अलावा जिले के बाहर से आने वाली प्याज पर रोक लगा दी गई है। हालांकि इसके बाद प्याज की आमद में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन उठाव और परिवहन के अभाव में बढ़ता स्टॉक खराब होने की स्थिति में है।

खरीदारों के सामने शासन ने रखी शर्त
विडंबना यह है कि नीलामी के दौरान प्याज के खरीदार व्यापारियों के सामने शासन ने अजीब सी शर्त रखी है, वह यह कि नीलामी में कम से कम 25 ट्रक प्याज खरीदनी होगी और खरीदी गई प्याज को मध्यप्रदेश से बाहर ले जाना भी अनिवार्य होगा। इस अनिवार्यता से राजस्थान को मुक्त रखा गया है। ऐसी स्थिति में अब खरीदार व्यापारी असमंजस में हैं और खरीदी में रुचि भी कम ही नजर आ रही है। अब खरीदी केंद्र संचालक मार्कफेड और परिवहनकर्ता यानि नागरिक आपूर्ति विभाग दोनों ही परेशानी में हैं कि आ रही प्याज का सुरक्षित भंडारण कैसे हो?
 
इनका कहना है...
खरीदी केंद्रों पर आ रही प्याज के सुरक्षित भंडारण के लिए 17-18 दिन से समुचित गोदाम की व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही व्यवस्था होगी, मंडी प्रांगण से प्याज उठा ली जाएगी। फिलहाल मंडी में बने शेडों में ही प्याज को रखना हमारी भी विवशता है। रही बारिश की बात तो बारिश से प्याज को बचाने के भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
- पीके तिवारी, जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी, भोपाल
 
शासन के निर्देशानुसार खरीदी केंद्र द्वारा क्रय की गई प्याज को मंडी के शेडों में रखने की पूरी व्यवस्था दी गई है। अब प्याज को उठाने और परिवहन का जिम्मा उनका ही है। तात्कालिक व्यवस्था के अलावा मंडी प्रशासन का इसमें कोई रोल नहीं है। 
- श्यामा भागीरथ पाटीदार, अध्यक्ष, करोंद मंडी भोपाल
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