नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में अंडे परोसने की मध्य प्रदेश सरकार की योजना को लेकर भारी विवाद छिड़ गया है। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने एलान किया है कि आंगनवाड़ियों में जल्द ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडे दिए जाएंगे। इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। भाजपा ने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताया है।
बीजेपी के नेता गोपाल भार्गव ने यहां तक आशंका जता दी है कि अगर बच्चों को बचपन से इस तरह का मांसाहारी भोजन कराया जाएगा तो वे नरभक्षी तक बन सकते हैं। भाजपा ने इसे भारतीय और सनातनी संस्कारों के खिलाफ भी बताया है। दूसरी तरफ स्कूलों में भोजना पहुंचाने वाली संस्था भी कमलनाथ सरकारी की इस योजना पर अमल करने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
भार्गव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस फैसले का विरोध किया था। विजयवर्गीय ने बुधवार को अंडे बांटे जाने के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि हम इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के धार्मिक विश्वास के बीच किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
इससे पहले मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा था कि जल्द ही राज्य की आंगनवाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को खाने के लिए अंडा दिया जाएगा। यह योजना अगले महीने से शुरू हो सकती है। उनका दावा है कि इससे कुपोषण को मिटाने में मदद मिलेगी। साथ ही इमरती देवी ने कहा कि पिछले 15 साल में भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया।
बता दें कि साल 2013 में यूपीए सरकार ने मिड डे मील और आंगनवाड़ियों में बच्चों को अंडा देने की बात कही थी। मगर उस समय जिन राज्यों मे भाजपा सरकार थी, उन्होंने इस बात को नहीं माना था। जबकि कई राज्यों में दूध और अंडे दिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी यह योजना पिछले महीने ही शुरू हुई है।