भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त शासकीय भूमि पर उद्यानिकी फसलों के लिए उपयोग का अधिकार देने का प्रारूप बनाने के निर्देश दिए है। कमलनाथ आज मंत्रालय में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को शासकीय भूमि उपयोग का अधिकार देकर उन्हें बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस भूमि पर सरकार का मालिकाना हक होगा। समय विशेष के लिए इस भूमि के उपयोग का अधिकार देकर उन्हें ऐसी फसलों के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो नगदी है और उन्हें कम समय में लाभ दे सकती हैं। उन्होंने ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों को 24 प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाने वाले ऋण को घटाकर 12 प्रतिशत करने को कहा। उन्होंने कहा कि ज्यादा ब्याज दर के कारण कई स्व-सहायता समूह लाभ के बजाए कर्जदार हो जाते हैं। उन्होंने वर्तमान में स्व-सहायता समूहों पर कर्ज भार का इसका आकलन करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों और आवासहीनों को आवासीय पट्टा देकर अपना घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देने को कहा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आवासहीनों को पट्टा वितरण करने का अभियान चलाया जाए। उन्होंने इसकी योजना समय-सीमा में तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने मध्यान्ह भोजन योजना में बच्चों को रूचिकर भोजन देने को कहा। उन्होंने का पौष्टिकता के साथ बच्चों की खाने की रूचि का भी ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि उन्हें पौष्टिक तत्व मिल सकें। उन्होंने प्रदेश के मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने पर भी विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे हम राज्य और केन्द्र की योजनाओं का लाभ वहाँ के रहवासियों को दे सकेंगे। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के रख-रखाव भी करने के लिए स्थायी नीति बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टेक होम राशन के मामले में व्यवहारिक नीति बनाने को कहा ताकि इसे सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास में दिये जाने वाले प्रशिक्षण संख्या आधारित होने के बजाए रोजगार आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ लक्ष्य पूरा करने के लिए नहीं बल्कि रोजगार सुनिश्चत करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि योजना में कितने प्रशिक्षित लोगों को रोजगार मिला इसका भी आकलन करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता मिशन में ओ.डी.एफ. घोषित गाँव की वास्तविकता का पता लगाने यह सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के काम पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पानी बचाने और पानी को संरक्षित करने की योजनाएँ सफल हों यह हम सबकी जिम्मेदारी है। जन-प्रतिनिधियों और लोगों की भागीदारी हो इस पर ज्यादा ध्यान किया जाए। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल सहित मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरी सिंह, सचिव उमाकांत उमराव एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।