भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन पर दलितों के खिलाफ दर्ज हुए केस वापस लेने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बसपा प्रमुख मायावती के दबाव में यह फैसला लिया है।
सोमवार को ही मायावती ने बयान जारी कर कहा था कि यदि सूबे में दलितों पर केस वापस नहीं हुए तो समर्थन वापसी पर विचार किया जा सकता है। इस धमकी का ही असर है कि अगले ही दिन कांग्रेस सरकार ने बीजेपी सरकार में दलितों पर लगे केसों को वापस लेने की घोषणा की है। यही नहीं दलितों पर बीते 15 सालों में दर्ज हुए इस तरह के अन्य केसों को भी वापस लिया जाएगा।
यह बोले कानून मंत्री
प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि एससी/एसटी ऐक्ट 1989 को लेकर 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद के दौरान लगाए गए केसों के साथ-साथ इस तरह के सभी केस जो पिछले 15 सालों में बीजेपी ने लगाए हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा। सोमवार को बसपा ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि भारत बंद के दौरान बीजेपी शासित राज्यों में जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत कार्रवाई में लोगों को फंसाया गया है। इनके केस कांग्रेस सरकारें वापस लें।