नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली स्टार बैडंंमिटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को प्रीमियर बैडंंमिटन लीग(पीबीएल) के दूसरे संस्करण के लिए को हुई नीलामी में आश्चर्यजनक रूप से 39 लाख रूपए की कम कीमत मिली जबकि ओलंपिक स्वर्ण विजेता स्पेन की कैरोलिना मारिन 61.5 लाख रूपए की कीमत के साथ सबसे महंगी खिलाड़ी बन गयी।
पीबीएल के दूसरे सत्र की नीलामी में भारत के शीर्ष पुरूष खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत को 51 लाख रूपये की कीमत मिली जबकि रियो में पहले दौर में बाहर होने वाली सायना नेहवाल को 33 लाख रूपए की कीमत मिली। सुंग जी को 60 लाख रूपये और जान ओ जोर्गेनसन को 59 लाख रूपये मिले।
नीलामी में 16 ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 154 खिलाड़ी उतरे जिनमें से 50 को छह टीमों ने खरीदा। हर टीम को खिलाड़यिों को खरीदने के लिये 1.93 करोड़ का पर्स खर्च करना था। आइकन खिलाड़यिों के लिये 33 लाख रुपए का बेस प्राइज रखा गया था जबकि इसके बाद 17 लाख रुपए का बेस प्राइज था।
सिंधू को चेन्नई स्मैशर्स ने लगातार दूसरे सत्र में अपनी टीम में बरकरार रखा। नीलामी के बाद संवाददाता सम्मेलन में सबसे बड़ा सवाल यही था कि ओलंपिक रजत पदक विजेता होने के बावजूद सिंधू को इतनी कम कीमत कैसे मिली। यूनीवार्ता ने सबसे पहले इस सवाल को उठाया। इस पर खुद सिंधू ने कहा‘‘ हमारे लिए खेल अधिक मायने रखता है कीमत नहीं।’’ दूसरी तरफ टीम मालिकों ने माना कि सिंधू देश की सबसे बड़ी आइकन खिलाड़ी हैं लेकिन 39 लाख की कीमत पर कुछ टीम मालिकों का कहना था ‘‘दरअसल यह नीलामी की प्रक्रिया है। इसमें सिंधू का नाम सबसे पीछे था और जब तक सिंधू तक नीलामी पहुंचती कई टीमों का पर्स काफी खत्म हो चुका था। शायद यही वजह है कि सिंधू को यह कीमत मिली।’’ चेन्नई फ्रेंचाइजी ने इंतजार करो की नीति अपनाई और सिंधू के नाम आने तक का इंतजार किया। सिंधू का नाम आने पर चेन्नई ने 39 लाख रुपये में उन्हें बरकरार रख लिया। सिंधू की यह कीमत उनके बेस प्राइज से मात्र छह लाख रुपये ज्यादा थी।