नई दिल्ली। सातवां वेतन आयोग लागू होने के कारण लोगों की व्यय शक्ति में वृद्धि तथा अच्छे मानसून की उम्मीद से बनी बेहतर ग्राहक धारणा के दम पर जून महीने में देश में यात्री वाहनों की बिक्री 37.54 प्रतिशत बढ़ी जो वर्ष 2009 के बाद की सबसे बड़ी तेजी है। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल जून में घरेलू बाजार में 2,73,759 यात्री वाहन बिके जबकि पिछले साल इसी महीने में 1,99,036 यात्री वाहन बिके थे। यात्री वाहनों में कार, उपयोगी वाहन और वैन को शामिल किया जाता है।
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर और उपमहानिदेशक सुगातो सेन ने बताया कि इस महीने वाहनों की बिक्री का प्रतिशत मजबूत रहने का एक कारक पिछले साल जून में इसमें आई गिरावट भी रहा है। पिछले साल एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हुआ था। जीएसटी के बाद कीमतों में कमी की उम्मीद में ग्राहकों में खरीद स्थगित कर दी थी और इसीलिए जून 2017 में बिक्री बेहद कम रही थी।
इस साल जून में यात्री कारों की बिक्री 34.21 प्रतिशत बढ़कर 1,83,885 पर पहुंच गई। यह अक्टूबर 2010 के बाद की सबसे बड़ी तेजी है।
उपयोगी वाहनों की बिक्री 47.11 प्रतिशत बढ़कर 73,654 इकाई और वैनों की बिक्री 35.64 प्रतिशत बढ़कर 16,220 इकाई हो गई। दुपहिया वाहनों की बिक्री 22.28 प्रतिशत बढ़कर 18,67,884 इकाई पर पहुंच गई। इसमें मोटरसाइकिलों की बिक्री 24.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 11,99,332 इकाई, स्कूटरों की 20.96 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,01,761 इकाई और मोपेड की 2.28 प्रतिशत बढ़कर 18,67,884 इकाई रही। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी जबरदस्त तेजी देखी गई है। जून में 30,352 मध्यम तथा भारी वाणिज्यिक वाहन बिके जो पिछले साल जून की तुलना में 43.34 प्रतिशत अधिक है। हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 40.76 फीसदी बढ़कर 50,272 इकाई पर रही।