नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल इंटरफेस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते उपयोग के मद्देनजर अधिकांश कंपनियां इसको अपनाने पर जोर दे रही हैं और इसमें निवेश करने की योजना बनाई है लेकिन साथ ही उन्होंने इसके डाटा की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई है। डाटा भंडारण के लिए उपकरण बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीगेट टेक्नोलॉजी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है। इसमें आॅस्ट्रेलिया, चीन, भारत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ताइवान में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के 600 उप अधिकारी शामिल थे। प्रत्येक बाज़ार में आईसीटी, रिटेल, विनिर्माण, निर्माण, वित्तीय सेवाओं और उपकरण जैसे कई उद्योगों के 100 लोग शामिल थे।
कंपनी ने 'डाटा पल्स: मैक्सिमाइजिंग द पोटेंशियल आॅफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' विषय पर किये अध्ययन रिपोर्ट बुधवार को यहां जारी की, जिसमें कहा गया है कि इसमें भाग लेने वाले सूचना प्रौद्योगिकी के वरिष्ठ अधिकारियों में से 96 प्रतिशत का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाले प्रयोग उत्पादकता एवं व्यवसाय के प्रदर्शन को बढ़ावा देंगे। हालांकि 95 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनके सूचना प्रौद्योगिकी के आधारभूत ढाँचे में और अधिक निवेश करने की आवश्यकता है ताकि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग में सहयोग करने में सक्षम हो सकें।
इस अध्ययन में ऐसे 89 प्रतिशत संस्थानों को चिह्नित किया गया है, जो आने वाले एक वर्ष में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की प्रौद्योगिकियों को संस्थान में ही सूचना प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला,उपकरण, उत्पाद नवाचार और अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ वित्त एवं ग्राहक सहायता जैसे क्षेत्रों में कार्यान्वित करने की योजना बना रही हैं लेकिन उनमें से दो तिहाई ने माना है कि उन्हें यह समझने में कठिनाई हो रही है कि उन्हें शुरू किस क्षेत्र से करना है।
सीगेट टेक्नोलॉजी के वैश्विक विक्रय एवं परिचालन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी एस तेह ने कहा कि तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं, प्रतिभाओं के उभरते समूहों और बहुत अधिक संपर्क में रहनेवाले जनसमूहों के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का लाभ उठाना बहुत बड़ा अवसर है। इससे मिलने वाले महत्वपूर्ण लाभों से पूर्ण रूप से लाभान्वित होने के लिए, एशिया प्रशांत क्षेत्र के संस्थानों को आँकड़ों की विश्लेषणों और वास्तविक आधार पर आँकड़ों के वास्तविक प्रसंस्करण की आवश्यकताओं के लिए आधारभूत संरचना और पारिस्थितिक तंत्र विकसित करना चाहिए।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को हर क्षेत्र की कंपनियों द्वारा अपनाये जाने की स्वीकारोक्ति के बावजूद इस रिपोर्ट से यह पता चला है कि बड़ी संख्या में संस्थानों ने प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से समर्थन करने के लिए आवश्यक निवेश नहीं किया है। इसमें शामिल लोगों में से 89 फीसदी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के समाधानों को लागू करने की योजना बनायी हैं, लेकिन 31 फीसदी को नहीं लगता कि इसके लिए पर्याप्त निवेश किया जा रहा है। पाँच में से एक संस्थान ने यह बताया है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अनुप्रयोगों के उपयोग से बढ़ रहे आँकड़ों के संरक्षण में सक्षम नहीं हैं जबकि 95 प्रतिशत का कहना था कि इसके आँकड़ों के निष्पक्ष भंडारण के समाधानों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।