नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने सेकेंड हैंड कारों के अपने कारोबार का तेजी से विस्तार करते हुए अगले साल मार्च तक 150 नए ट्रु वैल्यू आउटलेट शुरू करने की घोषणा की है। उसका लक्ष्य अगले दो-तीन साल में आउटलेटों की संख्या 300 करने का है।
कंपनी ने गुरूवार को बताया कि ये सभी आउटलेट एक पोर्टल से जुड़े होंगे, ताकि उपभोक्ताओं को पूरे देश में विभिन्न आउटलेटों पर उपलब्ध पुरानी कारों की जानकारी मिल सके। ट्रु वैल्यू के माध्यम से बेची गई सभी कारों की 376 प्रकार की जांच की जाएगी और फिर एक सर्टिफाइड इंजीनियर स्टार रेटिंग प्रक्रिया के माध्यम से कार का सर्टिफिकेट जारी करेगा। ट्रु वैल्यू के मौजूदा आउटलेट बिना सर्टिफिकेट वाली कारें भी बेचेंगे लेकिन उनमें मारुति की कारें नहीं होंगी।
इन नए आउटलेट में कंपनी की अपनी कारों का डिस्प्ले क्षेत्र अधिक बड़ा होगा। उसके ब्रांड की गुणवत्ता और भरोसा बरकरार रखने के लिए आउटलेट में बिक्री के लिए उन्हीं कारों को चुना जाएगा जो मानकों पर खरे उतरते हों। आउटलेट से बिक्री होने वाली कारों पर वारंटी भी दी जाएगी तथा फ्री सर्विंसिंग भी होगी। इन आउटलेटों पर बेचे जानी वाली कारें सात साल से कम पुरानी नहीं होंगी।
आउटलेट पर 1,00,000 किलोमीटर से अधिक का सफर कर चुकीं और दो बार बिक चुकी कारें नहीं बिकेंगी। मारुति ने 2001 के पहली बार पुरानी कारों के संगठित बाजार में दस्तक दी थी और लगभग डेढ़ दशक में ही उसने तेजी से अपने पैर पसारे। गत वर्ष कंपनी ने साढ़े तीन लाख पुरानी कारें बेची थीं।
पुरानी कारों के बाजार का 85 फीसदी हिस्सा असंगठित है। सेकेंड हैंड कारों का बाजार 10 से 15 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है। वस्तु एवं सेवाकर का असंगठित सेकेंड हैंड कार बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा है जबकि पुरानी कारों के संगठित बाजार को 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची अयुकावा ने बताया कि मारुति सुजुकी अपने सेकेंड कारों के खरीदार को नयी कारों के खरीदार जैसे अनुभव देना चाहती है।