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यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री में सबसे बड़ी तेजी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 12 2017 9:42AM | Updated Date: Apr 12 2017 9:42AM
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नई दिल्ली। यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री मार्च में 9.96 प्रतिशत बढ़कर 2,82,519 इकाई पर पहुंच गई। पिछले साल मार्च में देश में 2,56,920 यात्री वाहन बिके थे। यह पिछले साल सितंबर (19.92 प्रतिशत) के बाद की सबसे बड़ी तेजी है। वित्त वर्ष 2016-17 में देश में यात्री वाहनों की बिक्री 9.23 प्रतिशत बढ़कर 30,46,727 इकाई पर पहुंच गई। पहली बार किसी वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 30 लाख के पार पहुंचा है। 
 
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने मार्च के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि यात्री वाहनों पर नोटबंदी का असर बेहद अस्थाई रहा था और अब यह पूरी तरह उबर चुका है। उन्होंने कहा कि इनकी बिक्री अक्सर नकद में नहीं होती है और इसलिए इस पर बहुत असर नहीं पड़ा। इस श्रेणी में कारों की बिक्री 8.17 प्रतिशत बढ़कर 1,90,065 इकाई पर रही। उपयोगी वाहनों की बिक्री 20.91
प्रतिशत बढ़कर 77,689 इकाई पर पहुंच गई जबकि वैनों की बिक्री 12.94 प्रतिशत घटकर 14,765 इकाई रही। माथुर ने कहा कि वाहन कंपनियों के एक सम्मेलन में अगले वित्त वर्ष में यात्री वाहनों की बिक्री सात से नौ प्रतिशत के बीच बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। उन्होंने कहा कि हमेशा दहाई अंकों की वृद्धि दर बरकरार नहीं रखी जा सकती।
 
खासकर जैसे-जैसे आधार बड़ा होता जाएगा, वृद्धि की रफ्तार कम होती जाएगी। अब यात्री वाहनों का घरेलू बाजार 30 लाख का हो चुका है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी की किल्लत अभी भी बने रहने से मोटरसाइकिलों की बिक्री में नोटबंदी के बाद लगातार पांचवें महीने गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल नवंबर में 10.21 प्रतिशत और दिसंबर में 22.50 प्रतिशत लुढ़कने के बाद इस साल जनवरी में इसमें 6.07 प्रतिशत, फरवरी में 3.13 प्रतिशत और मार्च में 3.33 प्रतिशत की गिरावट रही। इस साल मार्च में कुल 9,15,199 मोटरसाइकिलें बिकीं जबकि पिछले साल मार्च में इनकी संख्या 9,46,754 रही थी।
 
मोटरसाइकिलों की बिक्री घटने से दुहपहिया वाहनों की कुल बिक्री 0.26 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी के साथ 14,71,576 पर रही। स्कूटरों की बिक्री 8.13 प्रतिशत बढ़कर 4,86,604 इकाई पर पहुंच गई जबकि मोपेडों की बिक्री 1.61 प्रतिशत घटकर 69,773 इकाई रह गई। पूरे वित्त वर्ष के दौरान दुपहिया वाहनों की बिक्री भी 6.89 प्रतिशत बढ़कर 1,75,89,511 पर पहुंच गई जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में अधिकतम है। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 9.26 प्रतिशत बढ़कर 87,257 पर पहुंच गई।
 
इसमें मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 5.97 फीसदी और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 12.11 प्रतिशत बढ़ी है। तिपहिया वाहनों की बिक्री 23.72 प्रतिशत घटकर 39 हजार रह गई। माथुर ने बताया कि तिपहिया वाहनों की अधिकतर मांग स्थानापन्न होती है। साथ ही लाइसेंसिंग को लेकर भी इसमें दिक्कत आती है। सभी श्रेणी के सभी वाहनों की घरेलू बिक्री मार्च में 1.33 प्रतिशत बढ़कर 18,80,352 इकाई पर पहुंच गई। पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह 6.81 प्रतिशत बढ़कर 2,18,62,128 इकाई रही। 
 
मार्च में निर्यात 13.59 प्रतिशत बढ़कर 3,04,704 इकाई हो गई। इसमें यात्री वाहनों का निर्यात 15.39 प्रतिशत और दुपहिया वाहनों का निर्यात 18.97 प्रतिशत बढ़ा है। वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 12.32 प्रतिशत और तिपहिया वाहनों का 21.59 प्रतिशत घट गया। पूरे वित्त वर्ष के दौरान 2016-17 में सभी श्रेणी के सभी वाहनों का निर्यात 4.50 प्रतिशत घटकर 34,79,824 इकाई रह गया। इस दौरान यात्री वाहनों का निर्यात 16.20 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों का 4.99 प्रतिशत बढ़ा है जबकि दुपहिया वाहनों का निर्यात 5.78 प्रतिशत और तिपहिया वाहनों का 32.77 प्रतिशत घट गया है। 
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