नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी डीजल कारों और एसयूवी संबंधी अनिश्चितता के बीच जापान की प्रमुख कार कंपनी होंडा चाहती है कि भारत में वाहन उद्योग के लिए स्थिर नीति हो। कंपनी ने कहा कि नीति में अचानक बदलाव से बड़े निवेश वाली योजनाएं प्रभावित होती हैं।
होंडा कार्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विपणन एवं बिक्री) जनेश्वर सेन ने भाषा से कहा, जहां तक नीतियों का सवाल है उद्योग के तौर पर हमें स्थिरता, पारदर्शिता और स्पष्ट नीति की उम्मीद है। जब काम करने का माहौल पूरी तरह बदल जाता है तो इससे हमारा भरोसा प्रभावित होता है। हमें एक स्पष्ट नीति मिले और इस पर कायम रहा जाए क्योंकि इसमें बड़ा निवेश होता है।
होंडा कार्स इंडिया कुछ साल पहले तक देश में मुख्य तौर पर पेट्रोल कार का विनिर्माण करती थी लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बीच भारी अंतर के कारण डीजल की ओर रझान बढ़ने के मद्देनजर कंपनी ने डीजल प्रौद्योगिकी में भारी निवेश किया है। कंपनी ने 2013 में 2,500 करोड़ रुपए को निवेश की घोषणा की थी। इसमें से करीब 400 करोड़ रुपए का निवेश डीजल र्इंजन विनिर्माण बुनियादी ढांचा तैयार करने पर किया जाता है।