फ्रेंकफर्ट। अपने वाहनों में प्रदूषण जांच को चकमा देने वाले उपकरणों के घोटाले में फंसी जर्मनी की प्रमुख वाहन कंपनी फॉक्सवैगन ने मंगलवार को स्वीकार किया कि दुनिया भर में उसकी एक करोड़ 10 लाख डीजल कारों में ऐसे उपकरण लगाए गए थे। इस घपले के उजागर होने की मार कंपनी के बाजार पूंजीकरण पर तो पड़ी ही है, उसके वैश्विक मुख्य कार्यकारी मार्टिन विंटरकॉर्न के भविष्य पर भी सवालिया निशान लग गया है।
फॉक्सवैगन अमेरिका के सीईओ माइकल हॉर्न ने कंपनी का अपराध स्वीकारते हुए कहा है, ‘हमारी कंपनी ने अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी, कैलिफोर्निया वायु संसाधन बोर्ड और तमाम ग्राहकों सभी के साथ बेईमानी की है। हम पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा शुक्रवार को अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने किया था। इसके बाद कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने कारों में जानबूझकर ऐसे सॉफ्टवेयर लगाए, ताकि आधिकारिक उत्सर्जन जांच के दौरान इंजन स्वच्छ मोड पर चला जाए।
आॅटो सेक्टर की बादशाह है कंपनी
दुनियाभर के आॅटो सेगमेंट में जितनी भी डीजल कारें बिकती हैं, उनमें फॉक्सवैगन की हिस्सेदारी 25 फीसदी है। कंपनी ने पिछले सात साल में बड़े पैमाने में आॅडी-3, फॉक्सवैगन जेट्टा, बीटल, गोल्फ और पैसेट जैसी लग्जरी कारें बेची हैं। भारत की बात करें तो यहां कंपनी के वेंटो, पोलो, क्रॉस पोलो और जेटा मॉडल डीजल विकल्प के साथ मौजूद हैं।
अमेरिका, फ्रांस और कोरिया में हो रही जांच, कंपनी को लगा फटका
जानकार सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने फॉक्सवैगन के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर दी है। यह जांच न्याय विभाग की पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधन इकाई कर रही है। फ्रांस से लेकर दक्षिण कोरिया तक के अधिकारियों ने मामले में जांच की घोषणा की है। यूरोपीय आयोग ने कहा है कि वो इस मामले में कंपनी और अमेरिकी रेगुलेटरी संस्थाओं के संपर्क में है। आयोग ने कहा है कि पहले उसे ये देखना होगा कि यूरोप की गाड़ियां प्रभावित हैं कि नहीं। बहरहाल यह सब देखते हुए कंपनी ने घोषणा की है कि वह तीसरी तिमाही में इस समस्या से ग्रस्त कारों की मरम्मत के लिए 7.3 अरब डॉलर का प्रावधान अलग से कर रही है।
शेयर में आई भारी गिरावट
फॉक्सवैगन के शेयर की कीमत में सोमवार को 17 प्रतिशत की गिरावट आई थी। फ्रेंकफर्ट शेयर बाजार में वे मंगलवार को 23 प्रतिशत और लुढ़क कर 101.30 यूरो पर आ गए। माना जा रहा है कि कंपनी के वैल्यूएशन को सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की हानि हो चुकी है। कंपनी ने अपना मुनाफा कम होने की चेतावनी भी दी है, जिससे उसके निवेशकों में बेचैनी दिखने लगी है।
‘फॉक्सवैगन पारदर्शिता दिखाए’
फॉक्सवैगन के बयान में कहा गया है, ‘मामले की आंतरिक जांच में सामने आया है कि संबद्ध सॉफ्टवेयर अन्य डीजल वाहनों में भी लगाया गया।’ दुनिया भर में लगभग एक करोड़ 10 लाख कारों में यह गलती पाई गई है। ये वाहन एक विशेष इंजन वाले हैं।’ जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने फॉक्सवैगन से मामले में पूरी पारदर्शिता दिखाने को कहा है।