नई दिल्ली। मोदी सरकार जल्द ही वाहनों का पंजीकरण शुल्क और दोबारा पंजीकरण का शुल्क बेतहासा बढ़ाने जा रही है। माना जा रहा है इस कदम के पीछे मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। सरकार के इस फैसले से पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सभी वाहन प्रभावित होंगे। रजिस्ट्रेशन शुल्क में यह बढ़ोत्तरी कई गुना तक की जानी प्रस्तावित है।
वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन और उसे रिन्यू कराना पूरी तरह फ्री है। इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से 30 दिनों में सुझाव मांगे हैं। नोटिफिकेशन का यह मसौदा पूरे देश में लागू होगा। ऐसा होने से नए वाहन खरीदना जहां महंगे पड़ेंगे, वहीं पुराने वाहन वालों पर इसका बोझ पड़ेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन पर कोई शुल्क नहीं
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार अगले 40 से 45 दिनों में इस प्रस्तावित शुल्क वृद्धि पर सभी पक्षों की राय ली जाएगी। यह राय मिलने के बाद प्रस्ताव में उसी हिसाब से संशोधन कर अंतिम शुल्क का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। लेकिन सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए उसके पंजीकरण शुल्क में छूट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने ई-वाहन पर जीएसटी 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद भी कर दिया है।
नए मसौदे के अनुसार अब नई पेट्रोल या डीजल कार के जरिस्ट्रेशन के लिए 5,000 रुपये का शुल्क प्रस्तावित किया गया है। वहीं पुराने पेट्रोल या डीजल वाहन के पुनः रजिस्ट्रेशन के लिए आपको 10,000 रुपये का शुल्क चुकाना पड़ेगा। इन दोनों शुल्कों में 9 से लेकर 17 गुना की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। अभी यह शुल्क मात्र 600 रुपये है।
सरकार की तरफ से जारी नए मसौदे के अनुसार नए दो पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में 20 गुना तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। नए दो पहिया का रजिस्ट्रशन शुल्क फिलहाल 50 रुपये है। सरकार इसे बढ़ाकर 1000 रुपये करना चाहती है। दो पहिया वाहनों के पुनः रजिस्ट्रेशन शुल्क में 40 गुना की करने का प्रस्ताव है। पुराने दो पहिया वाहन के रजिस्टेशन के नवीनीकरण पर अब 50 रुपये की जगह 2000 रुपये का शुल्क लगेगा।