गांधीनगर। कभी दुनिया की सबसे सस्ती और लखटकिया कार के तौर पर प्रचारित टाटा मोटर्स की नैनो कार का उत्पादन अब नहीं के बराबर हो गया है और कंपनी ने जून 2018 से मई 2019 के बीच की पिछले एक साल की अवधि में मात्र 613 ऐसी कारों का ही उत्पादन इसके लिए गुजरात में अहमदाबाद के निकट साणंद में स्थापित संयंत्र में किया है।
गुजरात सरकार ने आज से शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन प्रश्नोत्तर काल के दौरान गांधीनगर के कांग्रेस विधायक सी जे चावड़ा के एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। इससे पहले के एक साल यानी जून 2017 से मई 2018 के बीच संयंत्र में 1446 नैनो कारों का ही उत्पादन हुआ था।
पश्चिम बंगाल सरकार के साथ भूमि संबंधी विवाद के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर सिंगुर के बजाय साणंद में स्थापित इस संयंत्र पर दो चरणों में 7076 करोड़ रूपये का निवेश किया गया था और इसमें प्रति वर्ष ढाई लाख नैनो कार उत्पादन की क्षमता थी। रतन टाटा की ओर से देश में कम आय वाले लोगों के चार पहिया वाहन का सपना पूरा करने के लिए नैनो कार की परिकल्पना की गयी थी। इसका उत्पादन 2010 के मध्य से साणंद में शुरू हुआ था पर यह मॉडल उम्मीद के अनुरूप सफल नहीं हो सका।