शास्त्रों में होलिका दहन की रात को सिद्धि की रात कहा गया है क्योंकि इस रात को महाशिवरात्रि, दीपावली, नवरात्रे की तरह महारात्रि माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इन रातों में योग-योगनियां जागृत रहती हैं इसलिए साधना का फल तुरंत मिलता है।
होलिका की राख के अचूक उपाय -
आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए होलिका की राख को लाकर पूरे घर में छिड़क दें। इससे घर से नकारकत्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है ऐसी मान्यता है। घर में वास्तु दोष होने पर भी यह लाभप्रद माना गया है। इससे गृह कलह और आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।
आपको ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने आपके पर तान्त्रिक प्रयोग करवा दिया है, तो आप होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता और थोड़ी सी मिश्री इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन हेाली राख को चॉदी के ताबीज में भर कर गलें में धारण करने से तान्त्रिक प्रभाव निष्क्रिय हो जायेगा।
होलिका की राख को एक पोटली बनाकर तिजोरी में रखें इससे संचित धन बढ़ता है। टोने टोटके का भय होने पर इस राख से तिलक भी कर सकते हैं। इससे आत्मबल मिलता है। कोई व्यक्ति अभिचार कर्म के कारण अर्थात मारण, विद्वेषण, उच्चाटन, सम्मोहन व वशीकरण से अक्रान्त हो तो वह व्यक्ति उपरोक्त विधि से होलिका की राख शरीर में लगाकर गर्म जल से स्नान कराने से नकारात्मक प्रभाव निर्मूल हो जाता है।
किसी का पति दूसरी महिला के सम्पर्क में रहता है, तो आप होली पर उपरोक्त सामग्री अर्पित करें एंव 7 बार होली की जलती आग की परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय 1 गोमती चक्र अपने पति का नाम लेकर आग में डालें। ऐसा करने से महिला का पति उसके पास वापस लौट आयेगा।
कोई व्यक्ति निरन्तर बीमार रहता है, और काफी दवा कराने के बावजूद भी रोग में कोई लाभ नहीं हो रहा है, तो होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन होली की राख रोगी के शरीर में लगायें और तत्पश्चात गर्म जल से स्नान करायें। इस उपाय से रोगी शीघ्र ही स्वस्थ्य होने लगेगा।
आपका लिया हुआ धन अगर कोई वापिस नहीं कर रहा है, तो आप होली जलने वाले स्थान पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिखकर होलिका माता से अपने धन वापसी का निवेदन करते हुये उसके नाम पर हरा गुलाल छिड़क दें। इस उपाय से आपका धन मिल जाएगा।
यदि आप किसी से शत्रुता समाप्त करना चाहते है तो होलिका दहन के अगले दिन उसी स्थान पर रात्रि 12 बजे जाकर होली जलने स्थान पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिख दें और फिर उसे बॉये हाथ से मिटा दें और उस स्थान की थोड़ी सी राख लाकर। अगले दिन उस व्यक्ति के सिर पर डाल दें। ऐसा करने से वह व्यक्ति आपके प्रति शत्रुता का भाव समाप्त कर देगा।