20 Apr 2024, 11:27:21 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

शरद पूर्णिमा: आज के दिन बन रहा खास संयोग, ऐसे करें पूजा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 5 2017 3:33PM | Updated Date: Oct 5 2017 3:33PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

बाबा के अंगना में दूल्हा के होई छन्हि चुमाउन...चुमावऊ हे ललना धीरे-धीरे ...आश्विन शुक्ल पूर्णिमा गुरुवार 5 अक्टूबर को राजधानी सहित पूरे प्रदेश में शरद पूर्णिमा, लक्ष्मी पूजा व कोजागरा मनायी जाएगी। लक्ष्मी पूजा पर मिथिलांचल क्षेत्र में कोजागरा की धूमधाम होगी। नवविवाहित वर का पान-मखान से खास अंदाज में चुमावन यानी आशीर्वाद दिया जाएगा। वहीं मगध क्षेत्र में कौमूदी महोत्सव मनेगा। बांग्ला समाज में लक्खी पूजा मनायी जाएगी। 

मखाना से लक्ष्मी पूजा होगी

शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा और कोजागरा की भी परंपरा है। आचार्य प्रियेन्दु प्रियदर्शी ने शिव पुराण के हवाले से बताया कि इसे अमृत पूर्णिमा भी कहा जाता है। घरों में  महालक्ष्मी और गणेश पूजा की जाएगी। खासतौर पर मखान ,बताशा,फल-दही आदि लक्ष्मी पूजा की जाएगी। कमल के फूल में इत्र डालकर दूभि के साथ पूजन से महालक्ष्मी और गणेश की कृपा बनी रहती है। पूजा के बाद मखाना व पान आसपास के लोगों में वितरित किया जाएगा। मिथिलांचल में मां लक्ष्मी के स्वागत में आंगन से पूजाघर तक में अल्पना(रंगोली) बनायी जाती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी इसी रास्ते घर में आती हैं। इस दिन गोसाउन (कुलदेवी ) को भी घर किया जाता है। 

लक्ष्मी पूजा का मुहुर्त:--

सिद्धि मुहुर्त:-गुरुवार रात 5.57 से रात 7.49 बजे 

अमृत मुहुर्त: गुरुवार रात 7.50 से रात 9.17 बजे 

कोजागरा पर खास संयोग:-

आचार्य प्रियदर्शी के अनुसार शरद पूर्णिमा पर गुरुवार और 5 अंक का खास संयोग बना है। इस संयोग से सबसे अधिक लाभ धनु और मीन राशि के लोग होंगे। बाकी राशियों के लिए सामान्य स्थिति रहेगी।  

पान-मखाना से वर का होगा चुमावन

पान-मखाना का पर्व कोजागरा नवविवाहितों के लिए बहुत ही खास होता है। आचार्य राजनाथ झा के मुताबिक नवविवाहित पुरुषों के घर कोजागरा पर खास आयोजन होता है। घर की बुजुर्ग महिलाओं द्वारा नवविवाहित लड़के का चुमावन किया जाता है। चुमावन के गीत गाते हुए महिलाएं बांस के डाले में पान,दही और मखाना लेकर लड़के के सिर पर रखे पाग(खास तरह की टोपी) पर तीन बार रखेंगी। फिर दही का टीका लगाया जाता है। बुजुर्ग पुरुषों द्वारा नवविवाहित लड़के को दूर्वाक्षत (सूखा चावल,दूर्वा आदि) से आशीर्वाद दिया जाएगा। कोजागरा में नवविवाहित लड़के के ससुराल से मखान,दही,मछली आदि का भार(उपहार) भेजने की परंपरा है।

रातभर जागरण व कौड़ी खेली जाती है

धार्मिक मान्यता है कि लक्ष्मी पूजा के दिन मां लक्ष्मी यह देखने को निकलती हैं कि मेरे लिए कौन जाग रहा है। इसलिए कोजागरा की पूरी रात लोग जागरण करते हैं। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए रातभर सोते नहीं हैं। रात बिताने के लिए कौड़ी से पचीसी खेली जाती है। नवविवाहितों के लिए गृहस्थ जीवन की शुरुआत होती है। वे इसकी सफलता के लिए मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं। जुआ भी खेलने की परंपरा है। ऐसा इसलिए ताकि नवविवाहितों को जीवन में हार-जीत का महत्व का पता चले। कभी हारने तो कभी जीतने की बात समझ सकें। 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »