भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देव माना जाता है। शिव की आराधना में किसी विशेष प्रयोजन की आवश्यकता भी महसूस नहीं की गई है। यदि व्यक्ति मन ही मन भगवान शिव का स्मरण करता है, तो उसे भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। यही कारण है कि न केवल हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया में शिव मंदिरों की संख्या सबसे अधिक है। शिव मंदिरों में जो भी साधक अपनी विशेष समस्या लेकर जाता है, भगवान शिव उन्हें समस्या से मुक्त कर देते हैं। अपने भक्त पर शिव की हमेशा कृपा रहती है। मंदिरों में शिवलिंग की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यहां पर पहली बार विशेष प्रकार के शिवलिंगों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिनके माध्यम से पूजा-अर्चना करने पर विशेष और शीघ्र कृपा प्राप्त होती है।
- यदि आपके शत्रु अधिक हैं तो लहसुनियां से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे शत्रुनाश होता है।
- यदि आपको किसी भी प्रकार का भय लगता है तो आप दूर्व को पीस-गूंध कर शिवलिंग की आकृति दें और फिर उसका पूजन करें। इससे आपको हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलेगी।
- यदि आप संतान प्राप्ति चाहते हैं तो बांस के अंकुर से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करें। कुछ ही समय में आपको संतान अवश्य प्राप्त होगी।
- यदि आप आर्थिक समस्या में हैं तो दही को कपड़े में बांध कर पानी निकलने के बाद दही जब कठोर हो जाए तब उससे शिवलिंग बना कर पूजा करें। इससे आर्थिक स्थिति अच्छी होने के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि आती है व सुख-शांति बनी रहती है। यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और आप चाहते हैं कि आर्थिक स्थिति ऐसी ही बनी रहे तो आप चांदी, स्वर्ण, पारद या स्फिटिक से बने शिवलिंग का पूजन करें।
- चीनी से बने शिवलिंग की पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है।
- यदि किसी को बहुत समय से कोई रोग है और वह समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है तो आप मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा करें। आपको तुरंत लाभ महसूस होगा। यदि आप और अधिक व शीघ्र लाभ चाहते हैं तो इस शिवलिंग के समक्ष रूद्राष्ठाधायी का पाठ करें।
- किसान वर्ग गुड़ में अन्न चिपका कर शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा करें। इसके प्रभाव से उनके कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
- किसी कन्या के विवाह में समस्या आ रही है अथवा किसी महिला को किसी प्रकार की समस्या है तो वह मोती अथवा नवनीत के वृक्ष से बने शिवलिंग की पूजा करें। इससे विवाह शीघ्र तथा बिना बाधा के संपन्न होता है व महिला वर्ग को सौभाग्य प्राप्त होती है।
- आयु वृद्धि के लिए कस्तुरी व चंदन से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इस पूजा से जन्म पत्रिका में कम आयु का योग भी विफल होता है।
- नवगृह शांति के लिए आप क्रमानुसार शिवलिंग की पूजा करें-
चंद्र - दूध में काले तिल मिलाकर स्नान कराएं।
सूर्य - आक पुष्प और बिल्वपत्र से।
मंगल - गिलोय बूटी के रस से।
बुध - विधारा जड़ी के रस से।
गुरु - दूध में हल्दी मिलाकर।
शुक्र - पंचामृत, शहद व घी से।
शनि - गन्ने का रस व छाछ से स्नान कराना चाहिए। इस प्रकार से शिवलिंग को स्नान कराने से संबंधिक गृह के कष्ट से मुक्ति प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।