देवाधिदेव भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास में पांच सोमवार के अदभुद संयोग से श्रद्धालु खासे उत्साहित है हालांकि सात अगस्त को पडने वाले आखिरी सोमवार पर चंद्रग्रहण का साया रहने से शिवभक्तों को पूर्जा अर्चना के लिए लगभग चार प्रहर ही मिलेंगे। सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही श्रावण मास के समापन का खास योग कई वर्षों के बाद ही बनता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू हुआ श्रावण का महीना सात अगस्त को आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में खत्म भी होगा। ज्योतिषियों के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग का अर्थ अपने आप में सिद्ध प्राप्त करना है। इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है। सात अगस्त को ही रक्षाबंधन पर्व है।
9 घंटे तक चलेगा सूतक
महंत देव्या गिरि जी महाराज ने बताया कि सात अगस्त को चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इस वजह से सूतक दोपहर 1:52 बजे से शुरू होकर नौ घंटे तक चलेगा। चंद्रग्रहण रात 10:52 बजे से शुरू होगा जबकि मोक्ष काल रात 12:48 बजे तक रहेगा। सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले ही लग जायेगा। इस वजह से दोपहर 1:52 बजे से सावन का सोमवार होने के बाद भी मंदिर परिसर के सभी कपाट भक्तों के लिए बंद रहेंगे। महंत ने बताया कि ग्रहण काल एवं सूतक काल में देवमूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इसलिए सभी भक्तों से अपील है कि वह दोपहर डेढ़ बजे तक शिव दर्शन का लाभ ले लें। उसके बाद मंदिर नहीं खुलेगा।