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Astrology

इस तरह की बात करने से बचें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2017 10:15AM | Updated Date: Jun 26 2017 10:15AM
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कभी-भी कड़वी बात नहीं बोलनी चाहिए। किसी भी बात को मृदुता से, मधुरता से एवं अपने हृदय का प्रेम उसमें मिलाकर फिर कहना चाहिए। हम जो जानते हैं, वह न बोलें तो चल सकता है लेकिन जो बोलें वह सत्य ही होना चाहिए, अपने ज्ञान के अनुसार ही होना चाहिए। ज्ञान का कभी अनादर न करें, तिरस्कार न करें। जब हम किसी के सामने झूठ बोलते हैं तब उसे नहीं ठगते, अपने ज्ञान को ही ठगते हैं, अपने ज्ञान का ही अपमान करते हैं। अधूरे ज्ञान के साथ बोलना भी झूठ बोलने के बराबर है। इधर की बात उधर और उधर की बात इधर करना। क्या आप किसी के दूत हैं कि इस प्रकार संदेशवाहक का कार्य करते हैं? चुगली करना आसुरी संपत्ति के अंतर्गत आता है। इससे कलह पैदा होती है, दुर्भावना जन्म लेती है। चुगली करना यह वाणी का तीसरा पाप है। प्रसंग के विपरीत बात करना, यदि शादी-विवाह की बात चल रही हो तो वहां मृत्यु आदि की बात नहीं करनी चाहिए। ऐसे ही जहां मृत्यु आदि के प्रसंग की चर्चा चल रही हो तो वहां शादी-विवाह की बात नहीं करनी चाहिए।  इस प्रकार मानव की वाणी में कठोरता, असत्यता, चुगली एवं प्रसंग के विरुद्ध वाणी, ये चार दोष नहीं होने चाहिए। इन चार दोषों से युक्त वचन बोलने से बोलनेवाले को पाप लगता है।

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