भारत में पाए जाने वाले पारिजात वृक्ष का नाम तो आफने सुना ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह इकलौता ऐसा पेड़ है जो पूरे भारत में हर जगह पर पाया जाता है। लेकिन एक ऐसी जगह भी है जहां इस पेड़ को छूने मात्र से ही आपके शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है। यह उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर कि दूरी पर किंटूर गांव में स्थित है। माना जाता है कि यह महाभारत काल का पेड़ है। इसका नाम भी माता कुंती के नाम पर हुआ था।
आमतौर पर पारिजात वृक्ष की लंबाई 10 से 25 फीट तक होती है। लेकिन किंटूर में स्थित इस पेड़ की लंबाई 4.5 फीट की है और मोटाई 50 फीट। इसका इस्तेमाल कलम बोने के लिए भी किया जाता है। इस पेड़ पर लगने वाले फूल केवल रात के समय में ही खिलते हैं। इस पेड़ के फूल अपने आप टूट कर गिरते हैं इन्हें तोड़ने की भी मनाही है इन फूलों को लक्ष्मी जी के प्रिय फूलों में से एक माना गया है। हरिवंश पुराण में इसे कल्पवृक्ष का नाम दिया गया है। यह भी बताया गया है कि इस पेड़ की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी।