28 Mar 2024, 18:44:49 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

माघी पूर्णिमा स्नान आज, स्‍नान और दान से लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 10 2017 11:20AM | Updated Date: Feb 10 2017 11:20AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

हिंदू धर्म में माघ महीने का बहुत ही खास महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि इस मास का हर दिन पवित्र होता है। लेकिन पूर्णिमा का महात्मय सबसे श्रेष्ठ माना गया है। माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
 
हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा चंद्र मास का अंतिम दिन होता है। मघा नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होने के कारण ही इस मास को माघ मास कहा जाता है। 10 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर जमकर दान करें क्योंकि यह दान आपके जीवन में न केवल सुख-समृद्धि लाएगा बल्कि इससे सभी पाप भी नाश होंगे।
 
क्या है इस दिन का महत्व
माघी पूर्णिमा स्नान का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। मान्यता है कि सभी देवता माघ मास में गंगा स्नान के लिए पृथ्वी पर आते हैं। मानव रूप में वे पूरे मास भजन-कीर्तन करते हैं और यह देवताओं के स्नान का अंतिम दिन होता है। यही कारण है कि कल्पवास को बहुत ईष्टकारी माना गया है। एक मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में दानवीर कर्ण को माता कुंती ने माघी पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिया था।
 
इसी दिन कुंती ने उन्हें नदी में प्रवाहित किया था। इस दिन गंगा, यमुना सहित अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। वैसे तो धार्मिक ग्रंथों में पूरे महीने स्नान करने का महत्व बताया गया है लेकिन यदि कोई पूरे मास स्नान नहीं भी कर पाता है तो माघी पूर्णिमा से लेकर फाल्गुनी दूज तक स्नान करने से पूरे माघ मास स्नान करने के समान ही पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है।
 
स्नान का विशेष महत्व
माघी पूर्णिमा पर स्नान का अति विशेष महत्व है। मान्यता है कि सभी देवता माघ मास में गंगा स्नान के लिए पृथ्वी पर आते हैं और मानव रूप में वह पूरे महीने भजन-कीर्तन करते हैं। यह देवताओं के स्नान का अंतिम दिन होता है इसलिए इस दिन पर स्नान का विशेष महत्व है।
एक मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में दानवीर कर्ण को माता कुंती ने माघी पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिया था। इस दिन गंगा, यमुना सहित अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
 
स्नान का वैज्ञानिक महत्व
शास्त्रों में माघ पूर्णिमा के स्नान को महत्वता प्राप्त है तो इसकी वैज्ञानिक वजह भी है। माघ मास में ऋतु बदलती है इसलिए नदी के जल में स्नान करके आरोग्य की प्राप्ति की जाती है। ऋतु बदलाव का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े इसलिए माघ के महीने में स्नान का महत्व है।
 
दान का महत्व
इस दिन यज्ञ,तप, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भोजन, वस्त्र, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि का दान करना पुण्यदायक माना जाता है। माघ पूर्णिमा में प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करके पूजा करना सर्वश्रेष्ठ है। माघ मास में काले तिलों से हवन और पितरों का तर्पण करना चाहिए। तिल के दान का भी विशेष महत्व है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »