पौष माह की पूर्णिमा 12 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इसे महापूर्णिमा माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन पूजन, अनुष्ठान के साथ दान-पुण्य करने से कई गुना फल प्राप्त होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रभूषण व्यास ने बताया पूर्णिमा को पवित्र नदी में स्नान कर दान-पुण्य करने का महत्व माना जाता है। पौष माह की पूर्णिमा को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि जैसे अनूठे योग बनने से इसे महापूर्णिमा माना जा रहा है। पूर्णिमा को दिन गुरुवार होने से भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ रहेगा। उस दिन चंद्रमा स्वराशि कर्क में विराजमान रहेंगे, इससे लोगों का मन प्रफुल्लित रहेगा। विशेष तौर पर कारोबारियों का कारोबार अच्छा रहेगा।
मकर संक्रांति 14 को
पं. व्यास ने बताया इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन तिल-गुड़ से भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व रहता है। भगवान सूर्य इसी दिन धनु राशि से भ्रमण कर मकर राशि में पहुंचते हंै। मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ खाने और दान करने का भी महत्व है।
खरमास की समाप्ति, शुभ कार्य शुरू
मकर संक्रांति के दिन सूर्य के राशि परिवर्तन करते ही खरमास की समाप्ति हो जाएगी और उसके अगले दिन से ही मांगलिक कार्यों के आयोजन होने लगेंगे। इस तरह एक माह से बंद मांगलिक कार्यों की शुरुआत 15 जनवरी से हो जाएगी।
शुक्र-पुष्य का संयोग
12 जनवरी को पूर्णिमा और 13 जनवरी को शुक्रवार-पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। हालांकि कई पंचांगों में गुरु-पुष्य का योग बताया जा रहा है, लेकिन पुष्य नक्षत्र गुरुवार रात 1 बजे से शुरू होकर शुक्रवार रात 11 बजे तक रहेगा। इसके चलते शुक्र-पुष्य का संयोग बन रहा है।