पति की लंबी उम्र की कामना के साथ ही दाम्पत्य जीवन सुखमय बनाने के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं, जबकि युवतियां सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए व्रत रखकर पूजन करती हैं। इस वर्ष 38 वर्ष बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में करवा चौथ पर अनूठा संयोग बन रहा है, जो महिलाओं और युवतियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। करवा चौथ पर निर्जल और निराहार रहकर दिनभर व्रत रखकर रात में महिलाएं चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत खोलती हैं, इस दिन का विशेष महत्व मानते हुए अब सुहागिनों के साथ बड़ी संख्या में युवतियां भी यह व्रत करने लगी हैं। इस वर्ष करीबन 38 वर्ष बाद करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्ध योग के साथ अनूठा संयोग बन रहा है, जो महिलाओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति
ज्योतिषाचार्य चंद्रभूषण व्यास ने बताया इस वर्ष करवा चौथ 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन शाम 7.22 बजे तक चतुर्थी तिथि रहेगी, लेकिन सूर्योदय के समय चतुर्थी तिथि और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से अनूठा संयोग बनने से उसी दिन व्रत रखना विशेष फलदायी साबित होगा। व्यास ने बताया करवा चौथ बुधवार को है और बुध के स्वामी भगवान गणेश हैं। उसी दिन वृषभ राशि का चंद्रमा रहेगा, जो अपनी उच्च राशि में होगा। चंद्रमा महिलाओं का कारक ग्रह होने से यह दिन महिलाओं के लिए उत्तम रहेगा। इसके साथ ही चतुर्थी तिथि जिसके स्वामी भी गणपति हैं, इनके साथ ही रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जिसके स्वामी भगवान ब्रह्मा हैं, इन सबके संयोग से यह दिन सर्वार्थ सिद्ध योग वाला बनकर महिलाओं और युवतियों के लिए मनोवांछित फल देने वाला साबित हो सकता है।
चंद्रोदय
करवा चौथ को महिलाएं दिनभर व्रत रखने के बाद रात में चंद्रमा के उदय होने की बाट जोहती हैं। ज्योतिषी व्यास के अनुसार करवा चौथ को चंद्रमा रात 9.05 बजे उदय होगा, लेकिन अलग-अलग शहरों में चंद्रोदय का समय भी अलग-अलग रहेगा।
सुखी दाम्पत्य का प्रतीक
ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ वाले दिन महिलाएं नई साड़ी, नई चूड़ियां आदि पहनकर सज-संवरकर चंद्रमा की पूजा करती है। करवा से अर्घ्य देने के बाद पति के पांव छूकर आरती उतारती हैं और आशीर्वाद लेने के बाद ही पति के हाथ से पानी पीकर व्रत का पारायण करती हैं। यह व्रत महिलाओं के सुहाग और सुखी दाम्पत्य का प्रतीक है।