गणेश चतुर्थी की तैयारी पूरे देश में जोर-शोर से चल रही है। इस साल इस पर्व को 5 सितंबर को मनाया जाएगा। बुद्धि और ज्ञान के देवता भगवान गणेश की पूजा का यह सबसे बड़ा दिन माना जाता है। अगर इस दिन की पूजा सही समय और मुहूर्त पर की जाए तो हर मनोकामना की पूर्ति होता है। ऐसा माना जाता है कि गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए।
कैसे करें पूजा...
इस महापर्व पर लोग प्रात: काल उठकर सोने, चांदी, तांबे और मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से उनका पूजन करते हैं।
पूजन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मणों को दक्षिणा देते हैं। मान्यता के अनुसार इन दिन चंद्रमा की तरफ नही देखना चाहिए।
इस पूजा में गणपति को 21 लड्डुओं का भोग लगाने का विधान है।
अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 12.01 से 12.50 बजे तक
विशेष मुहूर्त (चौघड़िया अनुसार)
अमृत सुबह 6.12 से 7.44 बजे तक
शुभ सुबह 9.18 से 10.52 बजे तक
चर दोपहर 12.59 से 3.32 बजे तक
लाभ दोपहर 3.33 से 5.06 बजे तक
अमृत शाम 5.07 से 6.39 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 6.40 से 7.25 बजे तक
चर शाम 6.39 से 8.06 बजे तक
राहुकाल सुबह 7.45 से 9.18 बजे तक। इस अवधि में गणेश स्थापना से बचें।