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Astrology

सीढियां भी करती हैं घर के वास्तु को प्रभावित

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 29 2016 1:04PM | Updated Date: Jun 29 2016 1:04PM
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यदि मकान बहुमंजिला है तो उसमें सीढियां अवश्य होती है। वर्तमान समय में डिजाइनर सीढियों (लोहे की या घुमावदार) का चलन भी है। सीढियां भी घर के वास्तु को प्रभावित करती हैं। मकान में सीढि़यां बनवाते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें:
 
1- वास्तु सम्मत सीढियां भवन के पूर्व या दक्षिण दिशा में बनवाई जानी चाहिए।
 
2- सीढियों का उतार-चढ़ाव ढलान के अनुसार ही होना चाहिए। यानि सीढियों पर पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की तरफ चढ़ाई हो सकती है।
 
3- यदि सीढियां बीच में घुमावदार हों तो यह घुमाव चढ़ते समय क्लॉकवाइज यानि बाएं से दाएं होनी चाहिए। चूंकि पृथ्वी भी इसी दिशा में घूमती है और चढ़ते समय एनर्जी भी अधिक खर्च होती है इसलिए क्लॉकवाइज घूमते हुए ही चढना चाहिए ताकि अतिरिक्त ऊर्जा न लगानी पड़े।
 
4- चूंकि उतरते समय कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए एण्टी-क्लॉकवाइज घूमते हुए भी उतरा जा सकता है। बड़े भवनों में नीचे से दो तरफ से सीढियां चढ़ाई जाती हैं और घुमाव के स्थान पर मिलाते हुए ऊपर ही कर दी जाती है अथवा नीचे से एक सीढ़ी चढ़ाते हुए घुमाव के स्थान पर उस दो स्थानों पर उसे दो भागों में दो तरफ चढ़ा दी जाती है, इससे चढ़ते व उतरते समय क्लॉक वाइज घूमा जा सकता है।
 
5- यदि सीढियां बिल्कुल सीधी हैं, बीच में कोई घुमाव नहीं है तब भी छत पर प्रवेश करते समय घड़ी की सूइयों की दिशा में ही दरवाजा होना चाहिए ताकि छत के कमरे में प्रवेश करते समय क्लॉकवाइज घूमना पड़े। एण्टी-क्लॉकवाइज घुमाव वाला दरवाजा न रखें। यदि सीढियां सीधे ही छत के कमरे में प्रवेश करती हों तब किसी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है।
 
6- भवन के मध्य भाग में कोई पिलर अथवा सीढियां नहीं बनवाई जानी चाहिए।
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