गीता के अनुसार भगवान श्री कृष्णा ने कहा है कि मै ( श्री कृष्ण ) वृक्षों में पीपल हूं और जो भी पुरे श्रद्धा के साथ इस वृक्ष की सेवा करता है उसे लाभ की अनुभूति अवश्य होगी। इसिलिया ग्रंथो में वृक्षों में पीपल के पेड़ को देवो का देव भी कहा गया है। जिसके घर में पीपल का वृक्ष होता है उसके घर कभी दरिद्रता नहीं आती और सुख-शांति बनी रहती है। विज्ञान ने भी पीपल के वृक्ष के महत्व को माना है।
शत्रुओ से परेशानी: अगर आपकी किसी के साथ शत्रुता है और आपका शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो आप प्रत्येक शनिवार को पीपल के वृक्ष पर दूध, जल, शक्कर, शहद, काले तिल, गंगा जल और गुड़ को जल में मिला का चढ़ाए, इसके साथ आप एक आटे के दीपक में सरसों का तेल डाल कर उसे जलाये, दीपक में आप एक लोहे की कील व 11 साबुत उड़द की दाल के दाने भी डाल दे और धुप जला कर दिए के साथ पीपल के पेड़ को अर्पित करे।
इसके बाद आप पीपल के वृक्ष की 11 बार परिकर्मा करते हुए, अपने बाये हाथ से पीपल के वृक्ष की जड़ो को स्पर्श करे और अपने माथे पर लगाये और साथ ही आप पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का भी पाठ जरुर करे। इस तरह से आपको आपके शत्रुओ से जुडी सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी साथ ही आपके शत्रुओ का नाश होगा।
धन प्राप्ति के लिए: पीपल के पेड़ के नीचे शिव प्रतिमा स्थापित करके उस पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं और पूजन-अर्चन करें। कम से कम 5 या 11 माला मंत्र का जप(ऊँ नम: शिवाय) करें। कुछ दिन नियमित साधना के बाद परिणाम आप स्वयं अनुभव करेंगे। प्रतिमा को धूप-दीप से शाम को भी पूजना चाहिए।
हनुमानजी की कृपा पाने के लिए: हनुमानजी की कृपा पाने के लिए भी पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ होता है। पीपल के वृक्ष के नीचे नियमित रूप से बैठकर हनुमानजी का पूजन, स्तवन करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
शनि दोष से बचने के लिए: शनि दोष निवारण के लिए भी पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। यदि रोज पीपल पर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है। शनिवार की शाम पीपल के नीचे दीपक लगाएं और पश्चिममुखी होकर शनिदेव की पूजा करें तो और भी लाभकारी होता है।