23 Apr 2024, 19:26:49 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

आज से चैत्र नवरात्र प्रारंभ, 8 दिनों तक की जाएगी मां की उपासना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 8 2016 3:52PM | Updated Date: Apr 8 2016 3:56PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

रायपुर। चैत्र प्रतिपदा आज से शुरू होते ही माता के जयकारे मंदिरों में गूंजने लगेंगे। मंदिरों की साफ-सफाई एवं ज्योत पंजीयन का कार्य भी लगभग पूर्ण कर लिया गया है।

नगर के ऐतिहासिक महामाया मंदिर में इस समय  ज्योत जलाने पंजीयन कराने वालों का तांता कल शाम तक लगा हुआ था। हिन्दू माह के अनुसार नववर्ष चैत्र 8 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर विभिन्न प्रदेश के लोग अलग-अलग तरीके से इसका स्वागत  करते हैं। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में चैत्र नवरात्रि की धूम रहेगी। भीषण गर्मी के बावजूद रायपुर से डोंगरगढ़ तक जाने वाले पदयात्रियों का उत्साह बरकरार रहता है। रतनपुर, चंद्रपुर सहित अन्य प्रसिद्ध देवी स्थानों पर जाने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सेवाएं दी जाएंगी। डोंगरगढ़ के लिए शासन के धर्मस्व विभाग द्वारा भी वाहन चलाए जाएंगे।
आज से प्रारंभ होगी मां की उपासना

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आज से देवी उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है। चतुर्थी और पंचमी तिथि एक दिन होने के कारण इस बार चैत्र नवरात्रि 8 दिन की होगी। अभिजीत मुहूर्त में मंदिरों में सुबह 11.36 से 12.24 के बीच ज्योत कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। चैत्र नवरात्रि के मौके पर महामाया मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर, बंजारी मंदिर सहित शहर के सभी देवी मंदिरों में नवरात्रि के लिए अंतिम चरण की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। मनोकामना ज्योत प्रज्जवलित करने की तैयारी में सेवाकार जुटे हुए हैं। मंदिर परिसर चुनरी, श्रृंगार सामग्री, नारियल पूजन सामग्री से सज गए हैं।

छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
छत्तीसगढ़ के रतनपुर, अम्बिकापुर और रायपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर, खल्लारी स्थित मां खल्लारी मंदिर, चन्द्रपुर के चन्द्रहासिनी मंदिर, चैतुरगढ़ की महिषासुरमर्दिनी मंदिर और झलमला देवी (जिला बालोद) के गंगामैया मंदिर सहित प्रदेश के सभी आस्था केन्द्रों में हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है।

ढाई हजार वर्ष पुराना है स्थापना का इतिहास
मां बम्लेश्वरी मंदिर की स्थापना की एक रोचक कथा है एवं इस मंदिर के इतिहास के बारे में यहां के बुजुर्गो द्वारा अलगअलग पहलुओं के आधार पर बताया जाता है कि इतिहास की दृष्टि से अब से लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व जब उज्ज्ौन के राजा विक्रमादित्य का राज्य थे तब डोंगरगढ़ कामावती राज्य के रूप में जाना जाता था जहां राजा कामसेन राज्य करते थे। प्राचीन इतिहास के अनुसार राजा कामसेन के दरबार में अति रूपवती एवं नृत्यकला में प्रवीण नृत्यांगना कामकंदला व अलौकिक संगीतज्ञ व मध्ुार गायक माधवनल  कामावती रात्य की शोभा थे। इन दोनों की ख्याति दुरदुर तक फैली थी। धरती पर हो रहे परिवर्तन की चपेट में आकर कामावती राज्य तहस-नहस हो रहा था एवं उसके स्थान पर चारों ओर पर्वत श्रृंखला से घिरे पर्वत के मध्य ताल कटोरे से सदृश्य स्थल स्वरूप के मध्य सर्वोच्च शिखर पर एवं पर्चत की तलहटी पर कामावती राज्य की अधिधात्री देवी मां बम्लेश्वरी देवी की प्रतिमा स्वविराजित प्रकट हो गई। मां भगवती की ऊपर मंदिर एवं नीचे मंदिर की प्रतिमाओं को छू नहीं पाया धरती का विनाशकारी परिवर्तन जिसके आगोश में पूरा कामावती राज्य समा गया था।

दर्शन करने वाले के लिए रास्ते आसान
 मां बम्लेश्वरी मंदिर के दोतीन किमी पर यहां रेल्वे स्टेशन है जो कि मुंबई व कलकत्ता का मुख्य मार्ग है। जिसमें अधिकांश ट्रेने रोकी जाती है । सड़क मार्ग से आने वालों के लिए यह मार्ग कलकत्ता मुंबई नेशनल हाईवे मार्ग क्रमांक 6 पर स्थित पश्चिम दिशा की ओर से ग्राम चिचोला से 17 किमी एवं पूर्व दिशा की ओर ग्राम तुमड़ीबोड से 22 किमी दूर स्थित है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दी बधाई 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चैत्र नवरात्रि और विक्रम संवंत 2073 के शुभारंभ के अवसर पर जनता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। डॉ. सिंह ने बधाई संदेश में कहा है कि हमारी भारतीय संस्कृति में श्रद्धा, भक्ति और शक्ति की देवी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना के इस महापर्व का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि यह महा अनुष्ठान हमारे देश में वर्ष प्रतिपदा के रूप में भारतीय नववर्ष (विक्रम संवत) के आगमन का भी संदेश लेकर आता है।

कलेक्टरों को शक्तिपीठों में सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश
डॉ. सिंह ने कहा कि यह हमारे देश की अत्यंत प्राचीन संस्कृति में नारी शक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करने का भी महापर्व है। डॉ. रमन सिंह ने चैत्र नवरात्रि के अवसर पर छत्तीसगढ़ के रतनपुर, अम्बिकापुर और रायपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर, खल्लारी स्थित मां खल्लारी मंदिर, चन्द्रपुर के चन्द्रहासिनी मंदिर, चैतुरगढ़ की महिषासुरमर्दिनी मंदिर और झलमला (जिला बालोद) के गंगामैया मंदिर सहित प्रदेश के सभी आस्था केन्द्रों में हजारों-लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया है। डॉ. सिंह ने मां दुर्गा से सभी लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की है। उन्होंने संबंधित जिला कलेक्टरों को चैत्र नवरात्रि के दौरान समस्त शक्तिपीठों और आस्था केन्द्रों में श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित् करने के भी निर्देश दिए हैं।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »