पुरातन काल से ही सोमवार के दिन का संबंध भोलेनाथ से रहा है। मान्यता के मुताबिक सोमवार के दिन पूजा और व्रत करने से शिव जी अपने भक्तों पर बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं। वह भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। व्रत और पूजा करने वाले लोगों से जीवन से दुख, रोग, क्लेश व आर्थिक तंगी दूर होती है। कुंवारी कन्या द्वारा इस दिन व्रत रखने से उनका विवाह हो जाता है। उन्हें भोलेनाथ जैसा मनचाहा वर मिलता है। सोमवार के दिन सुबह स्नानादि करने के बाद मंदिर जाएं या फिर घर में ही विधि विधान से शिवजी की पूजा करें। सबसे पहले भगवान शिव माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं। इसके बाद उन पर चंदन, चावल, भांग, सुपारी, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं।
भोग लगाने के बाद आखरी में शिव जी की विधि विधान से आरती करें। मंदिर में जाकर शिव जी को दूध और मिश्री चढ़ाएं। अगर मंदिर ना जा सके तो घर में ही शिव जी को यह सब चीजें अर्पित करें। शिवजी को बिल्वपत्र सबसे अधिक प्रिय है। इसलिए अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए सोमवार को भगवान शिव को 11 बिल्वपत्र चढ़ाएं। इसके अलावा गंगाजल से उनका हर सोमवार को अभिषेक करें। मान्यता है कि इससे भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। ओम नमः शिवाय मंत्र के साथ इन्हें कोई भी मीठा फल अर्पित करें। मान्यता के मुताबिक शिव जी को इमरती चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है।