श्रावण मास का शुभारंभ आज शनिवार से शुरू हो गया है। तीसरे दिन सोमवार पड़ रहा है, इस दिन श्रद्धालु शिवालयों में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक, रूद्रभिषेक कर धतुरा तथा विल्व पत्र चढ़ा कर मनवांछित फल की कमना करेंगे। प्रिय श्रावण मास में इस बार कई शुभ योगों, मुहूर्त और पर्वों का संयोग की शुरूआत ही आयुष्मान व सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ होगी।
यही नहीं इसी दिन दोपहर से द्विपुष्कर योग भी बनेगा, जो अगले दिन दोपहर तक रहेगा। इसे सौभाग्य योग भी कहते हैं, जो कई सालों बाद श्रावण मास में बन रहा है। यह माह केवल 29 दिन का ही होगा। इसकी वजह यह है कि तृतीया व चतुर्थी तिथि व त्रयोदशी व चतुर्दशी तिथियां एक ही हैं।
शुक्त पक्ष की पंचमी भी दो दिन रहेगी। रक्षा बंधन के दिन 29 अगस्त को श्रावणी पर्व का समापन होगा। शिव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया प्रदोष 11 व 27 अगस्त को होगा। इसी तरह अमृत सिद्धि योग 10 अगस्त को सूर्योदय से प्रारंभ होगा और रात 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। खरीदारी व शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ पुष्य नक्षत्र योग 12 अगस्त को शाम 7.56 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन रात 10.55 तक रहेगा।
हर सोमवार बन रहा विशेष तिथि
श्रावण में चार सोमवार रहेंगे। संयोगवश इन चारों सोमवार को भी विशेष तिथियां रहेंगी। पहला सोमवार 3 को, दूसरा 10, तीसरा 17 व चौथा 24 अगस्त को होगा। पहले सोमवार को शतभिषा नक्षत्र व गणेश चतुर्थी रहेगी।
शिव व गणेश पूजा के लिए यह सोमवार खास रहेगा। दूसरे सोमवार को एकादशी होने से शुभता अधिक रहेगी। तीसरे सोमवार को 17 हरियाली तीज होने के साथ ही स्वर्ण गौरी पूजन व व्रत रखने का विधान है। चौथे अंतिम सोमवार को 24 सोमवार श्रावण शुक्ल नवमी तिथि व ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनेगा।
...शुभ योग भी
8 अगस्त को अमृत योग
11 अगस्त को भौम प्रदोष
13 अगस्त को गुरू पुष्य नक्षत्र
18 अगस्त दूर्वा चतुर्थी
27 अगस्त प्रदोष