शरद पूर्णिमा के दिन का एक अलग महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन चांद अपनी सोलह संपूर्ण कलाओं में होता है। पुराणों में तो यहां तक कहा गया है कि शरद पूर्णिमा की रात चांद का सौंदर्य इसकी सुंदरता को निहारने देवता भी धरती पर आते हैं। माना जा रहा है शरद पूर्णिमा से पहले पड़ रहे शनिवार की भी महत्वता अपने आप में बढ़ रही है। इस दिन बजरंगबली की आराधना करने से हमारे सभी कष्ट दूर करते हैं और दुश्मनों का विनाश करते हैं। सप्ताह के आखिरी दिन यानि 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार ये दिन बहुत ही खास होता है। कहा जाता है पूर्णिमा की इस रात को चंद्रमा केवल अपनी चांदनी के साथ-साथ अमृत की भी वृषा करता है। इसके अलावा प्रचलित मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण जी ने इसी रात को अपनी गोपियों संग महारास रचाया था। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की दिन व रात हिंदू धर्म में बहुत अहम माने जाते हैं। मगर इस बार इसके ठीक एक दिन पहले भी ऐसे कुछ खास संयोग बन रहे हैं जिस कारण शरद पूर्णिमा से पहले पड़ रहे शनिवार की भी महत्वता अपने आप में बढ़ रही है। जी हां, कुछ ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि कि 12 अक्टूबर को यानि शनिवार को महाबली हनुमान जी की खास पूजा आदि करने से सभी दुश्मनों से छुटकारा मिल सकता है। तो अगर आप भी अपनी सभी प्रॉब्लम्स से पीछा छुड़वाना चाहते हैं तो इस शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर कुछ सरल उपाय ज़रूर करें।
माना जाता है श्री हनुमान चालीसा की कुछ विशेष चौपाईयों का एक मंत्र की तरह जप किया जा सकता है। अगर इनका जप पूरे श्रद्धा-भाव से किया जाए तो हनुमान जी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ-साथ खुद आकर अपने भक्त की रक्षा करते हैं। यहां जानें सभी तरह के भय से मुक्ति के लिए किस चौपाई का शनिवार को 108 बार जप करना चाहिए।
सभी चौपाईयां का जप 108 की संख्या में सुबह एवं शाम करें। कहा जाता है इसके जाप से पवन पुत्र राम भक्त संकटमोचन श्री हनुमान जी अपनी शरण में आए हुए शरणागत भक्त की सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं।
।भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।
।महावीर जब नाम सुनावे।
गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए इस चौपाई का जाप करें।
।नासै रोग हरै सब पीरा।
।जपत निरंतर हनुमत बीरा।
।अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।
।अस बर दीन जानकी माता।