विजय दशमी का पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व रखता हैं, वही अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता हैं विजय दशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत भी माना जाता हैं विजय दशमी के दिन रावण के पुतले का दहन इसी का प्रतीक माना जाता हैं कि नकारात्मक शक्ति पर हमेशा सकारात्मक शक्ति की विजय होती हैं। वही जिवय दशमी को अबूझ मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता हैं इस दिन किसी भी मंत्र का जाप या अनुष्ठान का आरंभ अगर किया जाए तो उसमें पूर्ण सफलता हासिल होगी। विजय दशमी के दिन ही देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध भी किया था।
वही व्यापार में फंसे हुए धन की प्राप्ति के लिए विजय दशमी के दिन लक्ष्मी नारायण भगवान के मंदिर में नंगे पैर घर से जाए। 11 लाल गुलाब के पुष्प और चंदन का इत्र तथा एक कमलगट्टे की माला भगवान श्री लक्ष्मी नारायण को अर्पण करें और अपने व्यापार में फंसे हुए धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। वही विजय दशमी के दिन अपनी नौकरी में उन्नति के लिए एक सफेद कच्चे सूत को केसर से रंगे और ओम नमो नारायण मंत्र का जाप 108 बाज करके अपने पास रखें। ऐसा करने से मनुष्य को नौकरी में सफलता हासिल होती हैं।
वही अपने उधार दिए हुए धन की प्राप्ति के लिए विजय दशमी के दिन श्री लक्ष्मी नारायण भगवान को दो कमल के पुष्प और दो हल्दी की गांठ अर्पण करें। ऐसा करने से आपका उदार दिया हुआ धन वापस मिल जाएंगा। वही विजय दशमी के दिन संता की उन्नति के लिए 11 हरी दूर्वा की पत्तियां और पांच लाल गुलाब के पुष्प गं मंत्र का जाप कराकर भगवान श्री गणेश को अर्पित करें।