हिन्दू देवियों की पूजा सिंदूर के इस्तेमाल के बिना अधूरी है। इस समय पूरे देश में नवरात्रि की धूम मची हुई है। हिंदू धर्म में सिंदूर को बहुत महत्व दिया जाता है। हर तरफ लोग जगत जननी मां जगदम्बा की भक्ति में डूबे नज़र आ रहे हैं। सिन्दूर मुख्यत नारंगी रंग का होता है। महिलाएं इसे सौभाग्य और श्रृंगार के लिए प्रयोग करती हैं। बिना सिन्दूर के विवाह की कल्पना नहीं की जा सकती। सिंदूर को मंगल ग्रह से जोड़कर देखा जाता है यही वजह है कि ये मंगलकारी भी होता है। सभी लोग इस नवरात्रि में माता को प्रसन्न करने में लगे हुए हैं। इस बार की नवरात्रि में बहुत से शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं नवरात्रि के मौके पर सिन्दूर का भी बेहद महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में देवी मां को नियमित सिंदूर चढाने से हर मनोकामना की पूर्ती होती है। जीवन से क्लेश मिटता है और घर में सुख-शान्ति व समृद्धि आती है। वहीं देवी को चढ़ाया जाने वाला सिंदूर सौभाग्य वृद्धि का प्रतीक होता है। सुहागन स्त्रियों को इसे प्रसाद स्वरूप घर में रखना चाहिए और नियमित लगाना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर सिर्फ सुहाग की निशानी नहीं होता बल्कि इसमें कई चमत्कारी शक्तियां भी छुपी हुई होती हैं। इसी वजह से सिंदूर का प्रयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है।
सिंदूर का इस्तेमाल अभी से नहीं बल्कि प्राचीन काल से होता आ रहा है और लोग इसका इस्तेमाल टोने-टोटके में भी करते हैं। आप भी इस नवरात्रि पर सिंदूर का प्रयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि किस तरह से आप सिंदूर का इस्तमाल कर अपने घर में सुख-शांति ला सकते हैं और सभी बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। नवरात्रि के दौरान यदि मंगलवार को सिंदूर में घी मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाया जाए तो इससे सभी बाधाओं और भय से मुक्ति मिलती हैं। इसके अलावा इस दौरान यदि हत्थाजोड़ी पर सिंदूर चढ़ाया जाए और देवी की उपासना की जाए तो सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अगर आपके घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर करना हो और उनके प्रवेश से घर को सुरक्षित रखना है तो घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। ऐसे में आपके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहेगी। नवरात्रि के दौरान सिंदूर तृतीया का भी बेहद महत्व है। सिंदूर तृतीया उत्सव नवरात्रि में ही मनाया जाता है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा पृथ्वी पर ही निवास करती हैं। इसलिए उन्हें सिंदूर अर्पण करने की परंपरा है। सिंदूर तृतीया का महत्व दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जाता है, हालांकि अब यह देश के कई हिस्सों में मनाया जाने लगा है। माता रानी को सिंदूर चढाने से वे बेहद जल्द प्रसन्न हो जाती हैं और उनकी कृपा बरसने लगती है।