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Astrology

गुड फ्राइडे - होली फ्राइडे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 3 2015 12:40PM | Updated Date: Apr 3 2015 12:40PM
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गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु की याद में मनाया है। यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है। इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है। 
 
 
 
 
यीशू के शिष्य यहूदा ने किया विश्वासघात
सुसमाचार के अनुसार, यीशू को मंदिर के प्रहरियों ने गेथ्सेमाने गार्डन में उनके शिष्य यहूदा इस्करियोती की अगुवाई में गिरμतार किया। यहूदा ने (चांदी के 30 टुकड़ों) के बदले यीशू से विश्वासघात किया और मंदिर के प्रहरियों से कहा कि वह जिसे चुम्बन लेगा उसे ही उन्हें गिरफ्तार करना है। यीशू को गिरफ्तार कर अन्नास के घर लाया गया, जो तत्कालीन उच्च पुरोहित काइयाफस का ससुर था। वहां उनसे पूछताछ की गयी किन्तु उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला जिसके बाद उन्हें उच्च पुरोहित काइयाफस के पास भेज दिया गया, जहां सैन्हेद्रिन इकट्ठे थे।
 
 
 
कई गवाहों ने यीशू के खिलाफ विरोधाभासी बयान दिये जिसका यीशू ने कुछ भी जवाब नहीं दिया। अंत में उच्च पुरोहित ने यीशू को पवित्र शपथ लेकर उत्तर देने का आदेश देते हुए कहा - 'मैं, तुम्हें ईश्वर के नाम का वास्ता देकर आदेश देता हूं कि तुम हमें बताओं कि क्या तुम्हीं एकमात्र अभिषिक्त व्यक्ति, परमेश्वर के पुत्र देते हुए कहा कि 'तुमने कहा है और समय आने पर तुम देखोगे कि स्वर्ग के बादलों के बीच मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठा है।' उच्च पुरोहित ने यीशू को ईश्वर की निंदा का दोषी ठहराया और सर्व सम्मति से यीशू के मामले में सैन्हेद्रिन की सुनवाई में यीशू को मौत की सजा सुनायी। सुबह पूरी परिषद यीशू को साथ लेकर रोमन राज्यपाल पोंटीयस पायलट के पास पहुंची।
 
 
 
उन पर आरोप लगाये गये कि वह देशद्रोही हैं, उन्होंने सीजर के करों का विरोध किया है और स्वयं को राजा घोषित किया है। पायलट ने यहूदी नेताओं को यह जिम्मेदारी दी कि वे यीशू को अपने कानून के अनुसार फांसी दें। किन्तु यहूदी नेताओं ने कहा कि रोमन लोगों ने उन्हें प्राणदंड देने की अनुमति नहीं दी है। पायलट ने यीशू से पूछताछ की और सभा से कहा कि यीशू को सजा देने का कोई आधार नहीं है। यह जानकर कि यीशू गैलिली के निवासी हैं पायलट ने इस मामले को गैलिली के राजा हेरोड को सौंपा, जो यरूशलेम में पासोवर की दावत के लिए गये थे। हेरोड ने यीशू से सवाल किये पर उसे कोई जवाब नहीं मिला; हेरोड ने यीशू को पायलट के पास वापस भेज दिया। पायलट ने सभा से कहा कि न तो उसने और न ही हेरोड ने यीशू में कोई दोष पाया है; पायलट ने निश्चय किया की यीशू को कोड़े मारकर रिहा कर दिया जाये। 
 
 
 
 
गोलगोथा में सूली पर चढ़ाए गए
रोम में पासोवर के भोज के दौरान यह प्रथा थी कि यहूदियों के अनुरोध पर एक कैदी को रिहा कर दिया जाता था। पायलट ने लोगों से पूछा कि वे किसको रिहा करना चाहते हैं। मुख्य पुरोहित के निर्देश पर लोगों ने कहा कि वे बराब्बस को रिहा करना चाहते हैं, जो एक विद्रोह के दौरान हत्या के जुर्म में जेल में है। पायलट ने पूछा कि वे यीशू के साथ किस प्रकार का सलूक चाहेंगे और उन लोगों ने मांग की, उसे सूली पर लटका दो। पायलट की पत्नी ने उसी दिन यीशू को सपने में देखा था, उसने पायलट को आगाह कर दिया कि इस धार्मिक व्यक्ति के साथ कोई सरोकार न रखे। पायलट ने यीशू को कोड़े मरवाए और भीड़ के सामने ला कर उसे रिहा कर दिया।
 
 
 
मुख्य पुरोहित ने पायलट को एक नये आरोप की जानकारी दी कि यीशू  स्वयं को परमेश्वर का पुत्र होने का दावा करता है इसलिए उसे मौत की सजा सुनायी जाय। इससे पायलट भयभीत हो जाता है और यीशू को वापस महल के अन्दर ले जाता है तथा उनसे जानना चाहता है कि वह कहां से आये हैं। भीड़ के सामने आखिरी बार आकर, पायलट यीशू के निर्दोष होने की घोषणा की और यह दिखाने के लिए कि इस दंडविधान में उसकी कोई भूमिका नहीं है, पानी से अपने हाथ धोये।
 
 
 
आखिरकार, पायलट ने दंगे से बचने के लिए यीशू को सूली पर चढ़ाने के लिए सौंप दिया। दंडादेश में लिखा था नासरत का यीशू, यहूदियों का राजा,सायरीन के साइमन की सहायता से यीशू अपनी सूली को स्वयं ढोते हुए बधस्थल तक ले गये, जहां उन्हें सूली पर चढ़ाया गया, उस स्थान को हिब्रू में कपाल का स्थान या गोलगोथा और लैटिन में कैलवरी कहते हैं।
 
 
 
वहां उन्हें दो अपराधियों के साथ सूली पर चढ़ाया गया। यीशू छह घंटे तक सूली पर यातना सहते रहे। सूली पर लटकाये रखे जाने के आखिरी तीन घंटों के दौरान दोपहर से अपराह्न 3 बजे तक पूरे देश में अंधेरा छाया रहा। एक जोरदार चीख के बाद यीशू ने अपने प्राण त्याग दिये। उसी समय एक भूकंप आया, कब्रें टूट कर खुल गयीं और इस मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट गया। सूली पर लटकाये जाने के स्थल पर उपस्थित एक रोमन सैनिक ने घोषणा की, सचमुच यह परमेश्‍वर का बेटा था!
 
 
 
 
 
 
की जाती है क्रास की पूजा
गुड फ्राइडे के त्यौहार के दूसरे चरण में क्रॉस की पूजा की जाती है, एक क्रूसीफिक्स जिसमें एक खास पारम्परिक ढंग से यीशु के लिए गीत गाये जाते हैं। इसका तीसरा भाग होता है पवित्र प्रभु भोज का। यह शुरू होती है आवर फादर के साथ लेकिन (रोटी तोड़ने की रस्म) और इससे संबंधित मंत्र, का उच्चारण नहीं किया जाता। पवित्र गुरुवार की प्रार्थना सभा में अभिमंत्रित प्रभु प्रसाद को भक्तों में वितरित किया जाता है। पादरी और भक्त गण उसके बाद चुपचाप चले जाते हैं और प्रस्थान वेदी से कपड़े निकाल लिये जाते हैं, वेदी के पास केवल क्रॉस और दो या चार अगरबत्तियां रह जाती हैं। 
 
 
 
जोसफ ने किया अंतिम संस्कार
सैन्हेद्रिन का एक सदस्य अरिमेठिया का जोसफ यीशू का एक गुप्त शिष्य था, जिसने यीशू को यह दंडादेश देने की सहमति नहीं दी थी, यलट के पास गया और उसने यीशू का शव मांगा। यीशू के एक अन्य गुप्त अनुयायी और निकोदेमुस नाम के सैन्हेद्रिन के सदस्य ने एक सौ पौंड वजन का मसाले का मिश्रण लाया और मसीह के शरीर को कपड़े में लपेटने में सहायता की। पायलट ने सूबेदार से कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर ले कि यीशू मर चुके हैं। एक सिपाही ने यीशू के शरीर पर भाले से वार किया जिसमें से खून और पानी बाहर निकला और उसके बाद सूबेदार ने पायलट से इस बात की पुष्टि कर दी कि यीशू मर चुके हैं।
 
 
 
अरिमेठिया के जोसफ ने यीशू के शरीर को एक साफ मखमल के कफन में लपेट कर सूली पर चढ़ाये जाने के पास स्थित एक बगीचे में एक चट्टान को खोद कर बनायी गयी उनकी नयी कब्र में दफना दिया। निकोदेमस भी 75 पाउंड का लोहबान और एक दस्तावर औषधि के साथ पहुंचा था और दफन करने के यहूदी नियमों के अनुसार उसने यीशू के कफन के साथ उन्हें रख दिया। उसके बाद वे घर लौटे और विश्राम किया क्योंकि सूर्यास्त के बाद सब्बाथ शुरू हो गया।
 
 
 
तीसरे दिन, रविवार को, जो अब ईस्टर रविवार (या पश्चा) के रूप में जाना जाता है, मृत यीशू जी उठे। रोमन कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे को उपवास दिवस के तौर पर मानता है, जबकि चर्च के लैटिन संस्कारों के अनुसार एक बार पूरा भोजन (हालांकि वह नियमित भोजन से कम होता है और अक्सर उसमें मांस के बदले मछली खायी जाती है) और दो कलेवा लिया जाता है।
 
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