पुराणों के अनुसार तो सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष माना गया हैं। राम जी को सावन का महिना बहुत प्रिय था । शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमान जी भगवान शिव का ही अवतार हैं। इस दिन विधि के अनुसार पूजा करने से शिव के साथ ही हनुमान भी खुश होते हैं और वे अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर कर कें सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें । साथ ही चमेली के तेल का एक दीपक भी हनुमानजी के सामने जला कर रखें । तत्पश्चात एक साबुत पान का पत्ता लें और इस पर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को भोग लगाएं । भोग लगाने के तत्पश्चात उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का जप करें
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
इस पूजन के समाप्त होने के बाद हनुमानजी को चढ़ाई गई गुलाब के फूलों की माला से एक फूल तोड़ कर उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रखें । इस उपाय से आपको कभी आर्थिक समस्या नहीं होगी ।
हनुमान जी एकादश रुद्र अवतार हैं अर्थात वे भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार माने जाते हैं। पंचांग के अनुसार श्रावण हिंदू वर्ष का पांचवा महीना है और शिव भक्ति का ही विशेष काल है। श्रावण मास हिन्दू सनातन परंपराओं के अनुसार मनुष्य जीवन के चार संयम की अहमियत बताने वाला महीना है। एकादश रुद्र अवतार का चरित्र भी संयम, शौर्य, पराक्रम, बुद्धि, बल, पवित्रता, संकल्प शक्तियों के बूते जीवन को कष्ट, बाधाओं व संकटों से दूर रखने की प्रेरणा देता है। सावन के महीने के मंगलवार को हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है। हनुमान उपासना के साथ उपायों को अपनाकर जीवन में आ रही अनेक परेशानियों और बाधाओं से फौरन निजात पाया जा सकता है। भगवान शंकर की भांति श्री हनुमान की भक्ति में शुद्ध और पवित्र आचरण, विचार और व्यवहार से जीवन में निर्भयता, आत्मविश्वास और प्रेम आता है। जिससे इंसान जीवन के हर क्षेत्र में मजबूती के साथ कदम बढ़ाता चला जाता है।