हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला नाग पंचमी का पर्व इस बार पांच अगस्त को पड़ रहा है। नाग को भगवान शिव के आभूषण के तौर पर भी देखा जाता है। ऐसे में सावन में नागों की पूजा इस मौके को और भी महत्वपूर्ण बना देती है। मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा करने से नाग देवता खुश होते हैं और कालसर्प दोष कम हो जाता है। साथ ही घर से बदहाली भी दूर होती है। इन दिन भक्त सापों को दूध पिलाते हैं और मन्नत मांगते हैं।
नाग पंचमी पर भूलकर न करें ये काम
1. नाग पंचमी के दिन लोहे की कड़ाही या तवा आग पर नहीं चढ़ाएं। -नागपंचमी के दिन भूमि नहीं खोदनी चाहिए। साथ ही न ही इस दिन साग काटना चाहिए।
2. नागपंचमी के दिन सुई-धागे से किसी तरह की सिलाई नहीं करनी चाहिए।
3. कई क्षेत्रों में किसान अपनी नई फसल का तब तक प्रयोग नहीं करते जब तक उसका रोट नाग देवता को नहीं चढ़ाया जाए।
4. लड़ाई-झगड़ा और किसी की निन्दा नहीं करनी चाहिए।
5. मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे करें पूजा
1. नाग की पूजा के साथ शिवलिंग की पूजा जरूरी करनी चाहिए। साथ ही 'ॐ' मंत्र का जाप जरुर करें, इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
2. पूजा में चंदन की लकड़ी का प्रयोग करना चाहिए, नाग देवता को सुगंधित वस्तुएं अतिप्रिय होती हैं।
3. नाग देवता के निवास स्थान की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सेवइयों का प्रसाद अर्पित करना चाहिए।
4. नाग पंचमी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर दीवार पर गेरु पोतकर नाग देवता का स्थान बनाना चाहिए। फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे दीवार पर घर जैसा बनाया जाता है। उसमें अनेक नाग देवता की आकृति बनाते हैं।
5. नाग पंचमी के दिन सपेरे से नाग-नागिन खरीदकर उसे जंगल में छोड़ने से शांति मिलती है और गृह क्लेश दूर होते हैं।
6. जरूरतमंदों, गरीबों और अनाथ बच्चों में दूध बांटना चाहिए।
7. रूद्रभिषेक करवाना चाहिए, इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
8. चांदी के सांप के जोड़े के ऊपर नवग्रह पूजन, काल सर्प पूजन, राहु केतु पूजन करना चाहिए। इससे काल सर्प दोष समाप्त होता है। मान्यता है कि जो शख्स भी नाग पंचमी का व्रत और पूजन करना है, उसकी कामनाएं पूरी होती हैं।