इस दिन नागराज एवं नागों की माता मनसा देवी का पूजन किया जाता है। इस दिन नागराज की चांदी अथवा ताम्बे की प्रतिमा तथा मनसा देवी की प्रतिमा का पूजन किया जाता है।
सर्वप्रथम चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर चावल से अष्टदल कमल बनाएं और उस पर चांदी के नाग राज एवं मनसा देवी की प्रतिमा की स्थापना करें। पवित्रीकरण करते हुए मां मनसा देवी का आवाहन करें। तत्पश्चात नागराज का आवाहन करें। इस प्रक्रिया के बाद दोनों का पंचोपचार पूजन करें अर्थात गंध, पुष्प ,दीप, नैवेद्य एवं पुष्पांजलि समर्पित करें। तत्पश्चात मनसा देवी एवं नव नाग स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
इसके अलावा नाग के प्रतीक के रूप में चांदी या तांबे की सर्प प्रतिमा अथवा रस्सी में 7 गांठे लगाकर उसे नाग का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है। सँपेरा आदि नाग पालक जातियों को दूध मिष्ठान आदि का दान भक्षण हेतु दिया जाता है।सर्प की बाम्बी का पूजन किया जाना चाहिए तथा उसमे दूध चढ़ाना चाहिए।
ज्योतिष विद राजेश साहनी रीवा