प्रातः काल स्नानादि से निवृत्त होकर शिव पूजा एवं सोमवार व्रत का संकल्प करें। पूर्व अथवा उत्तर मुखी होकर दूध दही घी एवं पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं अथवा अभिषेक करें। शिवलिंग पर श्वेतार्क, शमी के पत्ते, बिल्वपत्र, बेल, भांग, धतूरा, यज्ञोपवीत तथा वस्त्र अर्पित करें। शिव सहस्त्रनाम शिव चालीसा शिव तांडव स्त्रोत अथवा पंचाक्षरी मंत्रों का यथासंभव पाठ करें। तत्पश्चात कपूर से आरती करते हुए शिव पूजन का समापन करें।
शिवलिंग पर यह 10 वस्तुएं चढ़ाने से पूरी होगी मनोकामना
जल- श्रावण मास में मात्र एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करने से मनुष्य के पापों से छुटकारा मिलता है
दूध- शिवलिंग पर अर्पित गौ दुग्ध आपके मानसिक संवेगो को नियंत्रित रखता है साथ ही अनिष्ट चंद्रमा की शांति भी करता है।
दही- थोड़ा सा दही शिवलिंग पर श्रद्धा पूर्वक चढ़ा दे, भौतिक सुखों में वृद्धि होगी
चीनी- चीनी नित्य शिवलिंग पर अर्पण करें। संबंधों में कड़वाहट एवं वाद विवाद की स्थिति में बहुत लाभदायक है।
मधु- श्रावण मास में कुछ मधु अथवा शहद शिवलिंग पर नित्य अर्पित करें।
चन्दन का इत्र- नाग शिव शंभू का आभूषण है तथा नागों को चंदन प्रिय है। शुद्ध चंदन का ईत्र कुछ मात्रा में शिवलिंग पर अर्पित करने से महा शिव की प्रसन्नता होती है तथा राहु केतु एवम् कालसर्प दोष दूर होते हैं।
बेलपत्र- श्रावण मास में नित्य शिवलिंग पर त्रियुग्म बेल करें। मान्यता है कि बेल में लक्ष्मी का वास होता है,अतः शिवलिंग पर बेल अर्पित करने से शिव के साथ लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है।
केसर- शिवलिंग पर केसर के कुछ कण श्रावण मास में चढ़ाने से शिव की प्रसन्नता होती है
भांग- शिवलिंग पर सावन मास में भांग चढ़ाने से मानसिक विकार दूर होते हैं तथा भगवान शिव की प्रसन्नता भी।
भस्म- एक चुटकी भस्म शिवलिंग पर चढ़ाने से आध्यात्मिकता और अतींद्रिय शक्ति का विकास होता है।