चैत्र नवरात्र की तिथियां
पहला नवरात्रि, पहली तिथि, 6 अप्रेल 2019, दिन शनिवार -घटस्थापना एवं शैलपुत्री पूजा
दूसरा नवरात्रि, द्वितीया तिथि, 7 अप्रेल 2019, दिन रविवार – ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा नवरात्रि, तृतीया तिथि, 8 अप्रेल 2019, दिन सोमवार – चन्द्रघन्टा पूजा
चौथा नवरात्रि, चतुर्थी तिथि, 9 अप्रेल 2019, दिन मंगलवार – कुष्माण्डा पूजा
पांचवां नवरात्रि, पंचमी तिथि, 10 अप्रेल 2019, दिन बुधवार स्कन्दमाता पूजा
छठा नवरात्रि, षष्ठी तिथि, 11 अप्रेल 2019, दिन बृहस्पतिवार कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्रि, सप्तमी तिथि , 12 अप्रेल 2019, दिन शुक्रवार– महासप्तमी एवं कालरात्रि पूजा
आठवां नवरात्रि, अष्टमी तिथि, 13 अप्रेल 2019, दिन शनिवार– महाअष्टमी, महागौरी पूजा एवं सन्धि पूजा
नौवां नवरात्रि, नवमी तिथि, 14 अप्रेल, दिन रविवार– नवरात्रि पारण
घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
घटस्थापना में सूर्योदय व्यापिनी तिथि ली जाती है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 6 अप्रैल को घटस्थापना होगी। इस वर्ष प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 5 अप्रैल को अपरान्ह 02:20 बजे से प्रारम्भ होकर 6 अप्रैल को अपरान्ह 03:23 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के बाद 10 घड़ी तक अर्थात लगभग 4 घंटे या मध्यान्ह में अभिजीत मुहूर्त अर्थात दिन का अष्टम मुहूर्त के समय चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्रि का प्रारंभ और घट स्थापना प्रशस्त मानी गई है। यदि प्रतिपदा तिथि संपूर्ण रूप से चित्रा नक्षत्र या वैधृति योग से दूषित हो तो इनके पूर्वार्ध भाग को छोड़कर घट स्थापना करनी चाहिए। इस वर्ष यही स्थिति बन रही है। 6 अप्रैल को रात्रि 9:45 तक वैधृति योग रहेगा। वैधृति योग का पूर्वार्ध प्रातः काल 9:57 तक रहेगा। अतः उपरोक्त शास्त्र वाक्य अनुसार प्रातः 9:57 बजे के बाद वैधृति योग के पूर्वार्ध काल का त्याग करते हुए अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना एवं नवरात्र व्रत का प्रारंभ आदि शुभ कार्य करने चाहिए। इस वर्ष घट स्थापना की अवधि में पंचक पड़ रहे हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार पूजन आदि में पंचक दोषपूर्ण नहीं माने गए हैं।
प्रातः 7:29 बजे से प्रातः 9:02 बजे तक- शुभ नामक चौघड़िया- अति आवश्यकता में घट स्थापना।
प्रातः 9:56 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक -दि स्वभाव लग्न मिथुन- अति आवश्यकता में घट स्थापना।
प्रातः 11:45 बजे से अपराह्न 12:32 बजे तक- अभिजीत मुहूर्त एवं चर नामक चौघड़िया- घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त।
अपराह्न 12:40 बजे से 2:30 बजे तक- चर एवं लाभ चौघड़िया- घट स्थापना का अति आवश्यकता में मुहूर्त।
आज ज्योतिष का साढ़े तीन मुहूर्त
1. चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात् गुड़ी पड़वा (हिन्दू नववर्ष)
2. विजयादशमी (दशहरा)
3. अक्षय तृतीया (अखातीज)
4. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा का आधा भाग.
उपर्युक्त तिथियों को स्वयं सिद्ध मुहूर्त की मान्यता प्राप्त है। इन तिथियों में बिना मुहूर्त का विचार किए नवीन कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र का सर्व प्रसिद्ध एवं अबूझ मुहूर्त आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्राप्त होगा जिसमें नवीन कार्यों के प्रारंभ के लिए तिथि वार एवं नक्षत्र देखने की आवश्यकता नहीं है।
ज्योतिर्विद राजेश साहनी