सावन के पावन महीने में हरियाली तीज का अपना महत्व है। इस दिन महिलाएं और कुंआरी कन्याएं ये व्रत पूरी मन और श्रद्धा से रखती है। इस तीज का बड़ा ही महत्व है। ये उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। आज हरियाली तीज है जोकि 8 बजकर 38 मिनट पर शुरु होगी जो 14 अगस्त को 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी।
क्यों मनाते हैं हरियाली तीज?
ये सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही कुंआरी कन्याएं अच्छे पति की कामना में व्रत और पूजा करती हैं।
इस दिन महिलाएं जोकि सुहागिन हैं व्रत रखती हैं और हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं। इस दिन घर के बड़े बुजुर्ग श्रृंगार दान करती हैं। इसके बाद महिलाएं तीज के गीत गाती हैं और सावन के झूले झूलती हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद महिलाएं शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और चंद्रमा की पूजा करती हैं।
क्या है कथा?
हरियाली तीज व्रत हिंदू रीति रिवाजों में बड़ी मान्यता है। इसे रखने रके पीछे भी एक कथा खूब प्रचलित है। कहते हैं कि माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करना चाहती था। उनसे विवाह करने के लिए माता ने बहुत ही कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने आज ही के दिन यानी श्रावण मास शुक्ल पक्ष की तीज को मां पार्वती के सामने प्रकट हुए और उनसे शादी करने का वरदान दिया था।
कैसे करें व्रत?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करते दिनभर व्रत रखते हैं जिसके बाद घर में मंदिर में शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करके पूजा पाठ करते हैं। विधि विधान से पूजा पाठ करके महिलाएं माता पार्वती को सुहाग अर्पित करती हैं। साथ ही भगवान शिव को बेल पत्र, पीला वस्त्र कराते हैं और तीज की कथा पढ़ते हैं। इसके अगले दिन सुबह सिंदूर अर्पित करके व्रत का पारण करती हैं।