काशी। गंगा किनारे बसी धार्मिक नगरी काशी ये प्राचीन मोक्षदायिनी सप्तपुरियों में से एक है। ये भारत की सबसे पवित्र नदी, गंगा के किनारे बसी हुई है। इस शहर के लिए हिंदुओं में भी वहीं आस्था है। ये विश्व का प्राचीनतम जीवंत शहर है।
ये वो तीर्थ है जिसके बारे में लोक आस्था है कि, यहां के कण-कण में भगवान शिव का वास है और प्रलयकाल में भी इसका विनाश नहीं होता। काशी मतलब भारत में बसने वाले लोगों की आस्था, विश्वास, दर्शन, शिक्षा, श्रद्धा, जीवन, मृत्य और मोक्ष का समागम।
विष्णु पुराण में काशी का वर्णन है। वहां लिखा हुआ है कि चंद्रवंशी राजा सुहोत्र के तीन पुत्र हुए काश्य, काश और गुत्समद। इनमें कश्यप के पुत्र काशी ही काशी के सबसे पहले चंद्रवंशी राजा हुए।
भगवान शिव के जगत प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिलिंर्गों में से एक श्री विश्वेश्वर की प्रतिष्ठा यहीं काशी में है। इन्हें ही काशी विश्वनाथ के नाम से लोग जानते हैं। ऋषि कश्यप ने ही यहां शिवलिंग की स्थापना की है।
भारत की सांस्कृतिक राजधानी
इसे वेदों की भौंह में स्थित माना गया है। विष्णुपुराण के अनुसार स्वयं ब्रह्माजी ने यहां ज्योतिर्लिंग की प्रतिष्ठापना की है। लोक विख्यात है कि काशी नगरी भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्यारी है।
मत्स्य पुराण के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया है कि मैं कभी इस क्षेत्र को कभी नहीं त्यागता, इसलिए इस क्षेत्र को 'अविमुक्त' क्षेत्र कहते हैं। मत्स्य पुराण के अनुसार काशी को भगवान शिव का नित्य विहार स्थल कहा गया है।
इसे शिवजी इसलिए नहीं छोड़ते कि एक बार ब्रह्महत्या पाप से पीड़त शिव कपाली बनकर सभी तीर्थों में घूमते रहे, पर यहीं आकर कपाल सहस्रों खंड में टूट गया। काशी को कपालमोचन तीर्थ भी कहते हैं।
काशी में कहीं पर भी मृत्यु के समय भगवान विश्वेश्वर (विश्वनाथजी) प्राणियों के दाहिने कान में तारक मंत्र का उपदेश देते हैं। तारकमंत्र सुन कर जीव भव-बंधन से मुक्त हो जाता है।
उत्तर भारत का ये पुण्य तीर्थ असि तथा वरुणा नदियों के बीच का भू-भाग होने से इसे वाराणसी नाम से पुकारा गया है। काशी का वाराणसी नाम भी काफी पुराना है, महाभारत के शांतिपर्व में इस नाम का उल्लेख मिलता है।
काशी, महाश्मशान, आनंदवन, शिवपुरी, विश्वनाथ क्षेत्र आदि इसके ही नाम हैं। अंत में बस इतना ही कि अगर भारत में धर्म समझना है तो काशी आइए क्योंकि पूरा जम्बूद्वीप इसे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी मानता हैं।