नौ ग्रहों में से बृहस्पति, आकार में सबसे बड़ा ग्रह है। ज्योतिष में इस ग्रह को ज्ञान, सत्कर्म और गुरु आदि का कारक माना जाता है। जबकि शास्त्रों में बृहस्पति देव देवताओं के गुरु हैं। देवगुरु बृहस्पति 30 मार्च 2020 को अपनी नीच राशि मकर में गोचर करेंगे। फिर 30 जून को वक्री होकर वे दोबारा धनु राशि में आ जाएंगे। इसके बाद 20 नवंबर को गुरु वापस मकर राशि में संचरण करेंगे। गुरु के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर शुभाशुभ रूप में पड़ेगा। आइए जानते हैं गुरु के गोचर का आपकी चंद्र राशि पर प्रभाव