आप में से कई लोग ऐसे होंगे जो ये जानना चाहते होंगे की आखिर भगवान शंकर भांग क्यों पीते हैं। भगवान भांग के अलावा और कुछ क्यों नहीं पीते हैं। तो हम आपको बता रहे हैं कि भांग एक ऐसा पेय पदार्थ है जो विषैला होता है और यदि शरीर में पहले से कोई विष हो, तो यह उसे उस विष को खत्म कर देता है। यह एक प्रकार के पौधे की पत्तियों को पीसकर बनाया जाता है। इसे भगवान के लिए रस भी माना जाता है।
हिंदु पुराणों में भांग का वर्णन कई बार किया गया है। इसे मानव हित के एक लिए एक औषधि का नाम भी दिया गया है। कई प्रकार के विकारों में इसका इस्तेमाल भी किया जाता है। शरीर की त्वचा और घावों आदि को भरने में भी भांग से बनी दवाईयां लाभकारी होती है।
लेकिन भांग, भगवान शंकर क्यों पीते थे, तो इसे जानने के लिए वेद में दी गई जानकारी को जानते हैं। जो कि निम्न प्रकार है।
सोमरस: भांग को सोमरस के नाम से भी जाना जाता है।
शिव और भांग: ऐसा माना जाता है भगवान ध्यानमग्न रहते हैं। इसलिए वह भांग का सेवन करके मग्न रहते हैं। इस प्रकार, हिंदु धर्म में भगवान शिव के प्रिय पेय पदार्थ भांग के बारे में कई दंतकथाएं हैं।