भारतीय संस्कृति में टीके का अलग ही महत्व है। इस संस्कृति में स्त्री हो या पुरष के पर तिलक लगाने का रिवाज है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के बीच में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान लगाना चाहिए। इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में इजाफा होता है।
कहा जाता है कि इससे मानसिक बीमारियों से भी बचाव होता है। तिलक लगाने से लोगों को शांति और सुकून मिलता है जिससे मानसिक उत्तेजना पर भा काबू पाया जा सकता है।
टीका लगाने से दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है। इससे सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार टीका लगाने से पापों का नाश होता है। कहा जाता है कि इससे ग्रहों की शांति भी होती है। हल्दी में आएंटी बैक्टेरियल गुण होते है जो आपको रोगों से भी मुक्त रखती है।
हिंदु धर्म में स्त्रियां लाल कुंकुम का तिलक लगाती हैं। लाल रंग ऊर्जा एवं स्फूर्ति का प्रतीक होता है। तिलक स्त्रियों के सौंदर्य में चार चांद लगाता है।