डायट कोक के तैरने की ये है वजह
इसके पीछे भौतिक विज्ञान का एक ऐसा नियम काम करता है, जिसे आपने आठवीं क्लास में पढ़ा होगा। इसके आर्किमिडीज का सिद्धांत कहते हैं। आर्किमिडीज जब बाथरूम में बिना कपड़ों के नहा रहे थे, तभी उन्हें इस सिद्धांत का पता चला था। इसके बाद वह खुशी के मारे बिना कपड़ों के ही नाचते हुए घर से बाहर आ गए थे।
आर्किमिडीज ने इस सिद्धांत को यूरेका नाम भी दिया था। इस सिद्धांत के मुताबिक पानी में किसी ठोस चीज को डालने पर उसका घनत्व पानी के घनत्व से ज्यादा होगा, तो वह चीज पानी के ऊपर तैरेगी। रेगुलर कोक में 39 ग्राम ठोस चीनी होती है, जबकि डायट कोट में 125 ग्राम ठोस चीनी। यानी दोनों की कोक का साइज तो एक जैसा है, लेकिन पानी के अंदर घनत्व अलग-अलग। इसी वजह से डायट कोक तैरती रहती है और रेगुलर कोक पानी में डूब जाती है।
क्या है आर्किमिडीज का सिद्धांत
आर्किमिडीज का सिद्धांत 2265 वर्ष पुराना है। इसे दुनिया में विद्यार्थियों को आठवीं कक्षा से पढ़ाया जाता है। सिद्धांत के अनुसार जब किसी वस्तु को पानी या द्रव में डुबोते हैं, तो उसके भार में कमी आ जाती है। भार में कितनी कमी आती है, आर्किमिडीज ने इसके बारे में बताया था। मान लो कोई जग पानी से लबालब भरा है, उसमें एक चम्मच डुबोते हैं। जग से कुछ पानी बाहर गिर जाता है और चम्मच के भार में कमी आ जाती है। चम्मच के भार में कमी, जग से बाहर गिरे पानी के भार के बराबर होती है। यह आर्किमिडीज का सिद्धांत है।