आपने कई लोगों को देखा होगा कि कुछ कहने के बाद टचवुड बोलते हैं। हो सकता है कि यह आपकी भी आदत हो लेकिन क्या आप जानते हैं टचवुड है क्या और यह क्यों बोला जाता है। टचवुड का प्रयोग कब से हो रहा है इस विषय में कोई प्रमाणिक तथ्य मौजूद नहीं है। लेकिन यह माना जाता है कि इस शब्द का प्रयोग ईसा पूर्व से चला आ रहा है।
टचवुड शब्द के प्रयोग के पीछे ऐसी धारणा है कि वृक्षों पर आत्माओं का निवास होता है। आत्माओं की नजर आपकी खुशियों और दुआओं को न लगे, इसलिए टचवुड बोलकर लोग लकड़ी छूते हैं। माना जाता है कि इससे आत्माएं आपकी खुशियों में बाधा नहीं डालती हैं।
टच वुड बोलने के साथ ही लकड़ी का स्पर्श करना शुभ होता है। अगर टच वुड बोल दिया और लकड़ी का स्पर्श नहीं किया तो इसे अशुभ माना जाता है। टच वुड बोलने के बाद चंदन, तुलसी और रुद्राक्ष का स्पर्श करें तो यह अधिक शुभ फलदायी माना जाता है। इसका कारण यह है कि इन्हें हिन्दू धर्म में पवित्र और पूजनीय माना गया है।