लगातार सामान्य तारों की तरह चमकने वाले कुछ तारे ऐसे होते है, जिनकी चमक अचानक ही आश्चर्यजनक रूप में बढ़ जाती हैं। कुछ ही घण्टो या दिनों मे इनकी चमक एक लाख गुना या इससे अधिक बढ़ जाती हैं। एक सामान्या दर्शक को ऐसा अनुभव होता है कि एक नया बेहद चमकदार सितारा आकाश मे उग आया हैं। इन तारों को नवतारा या नावो कहते हैं। नोवा शब्दो का अर्थ नया होता हैं। इनकी चमक में बढ़ोतरी इसलिए होती हैं। क्योंकि तारे में हुआ कोई एक विस्फोट उस तारे के एक लाखवें भाग से भी कम पदार्थ को ऊपर उछाल देता है। यह पदार्थ वास्तव में गैंस का एक विशाल गोला होता है, जो अतिरिक्ष में बहुत तेजी के साथ फैलता हैं। नोवा अपनी अधिकतम चमक तक कुछ घण्टों या दिनों में पहुंच जाता हैं और फिर धीरे-धीरे अपनी मूल चमक पर वापस आ जाता हैं। अनुमान हैं कि हमारी मंदाकिनी में प्रतिवर्ष लगभग 20 से 30 नवतारे बनते हैं। कुछ तारे से अधिक बार नवतारों में बदलते हैं, इसलिए उन्हें प्रत्यावर्ती नवतारे कहां जाता हैं। प्रत्यावर्ती नवतारे काफी दीर्घ अन्तराल के बाद भडकते हैं। सामान्य नवतारे की चमक सूर्य की चमक से दस हजार से दस लाख गुना तक अधिक होती है।