जेसे कुछ जिव रात में ही सक्रिय होते हैं ,वेसे ही कुछ पोधै भी। ऐसे ही पोधौं में हैं -रात की रानी, हनी सकल ओर नाइटशेड। क्या आप जानते हो कि रात रानी जैसे पौधौं में फुल रात में क्यो खिलते हैं? जिन पौधौं के फुल रात को खिलते हैं उनमें मोहक सुगन्ध होती। इस सुगन्ध के कारण पतगें-जैसे रात में क्रियाशिल होने वाले जीव इनकी ओर आकर्षित होते हैं जब ये किडेÞÞ फुल पर बैठते हैं तो परागकण इनके पंखों से चिपक जाते हैं। फिर इन कीडों से ये परागकण दुसरे फुल तक पहुचं जाते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि रात रानी के फुल रात में उन किडों को आकर्षित करने के लिए ही खिलते हैं ,जो पराग-सेचन की क्रिया में सहायक होते हैंं। वैसे रात्रि में अक्सर वे ही फुल खिलते हैं, जो दिन में सुर्य की गरमी प्रकाश को सहन नहीं कर सकते। रात्रि में खिलने वाले फुलों के विषय में एक तथ्य यह भी हैं कि इन फुलोंका रंग बहुत चमकिला नही होता: क्योंकि यह रंग रात्रि के अंधेरे में दिखाई नही देता। रात्रि में खिलने वाले अधिकतर फुलों का रंग सफेद होता हैं: क्योंकि सफेद रंग अंधेरे में भी स्पष्ट दिखाई देता है और कीड़ों को आर्कषित करने में साहयक होता हैं।