पौधे दो प्रकार के होते हैं। एक सदाबहार जो कि बारह महीने ही हरा-भरा रहता है। दूसरे वे पौधे जिनकी साल के विशेष महीने में पत्तियां झड़ जाती हैं। पतझड़ में पौधे विश्राम करते हैं। पतझड़ आने पर पौधों की पत्तियां पीली होकर झड़ जाती हैं। इसके बाद पौधों पर नयी पत्तियां आती हैं।
पतझड़ के दौरान पौधे अपने भोजन की पूर्ति पत्तियों के कार्बनिक पदार्थो से करते हैं। पौधे भी जीवित प्राणियों की तरह अपशिष्ट पदार्थ पैदा करते हैं, लेकिन ये अन्य जीवों की तरह इन्हें तत्काल त्यागते नहीं हैं बल्कि इन्हें यह पतझड़ आने तक अपनी पत्तियों के ऊत्तकों में जमा करके रखते हैं।
पतझड़ के मौसम में पौधे पत्तियों के सभी उपयोगी पदार्थ अवशोषित कर लेते हैं और केवल अपशिष्ट पदार्थ ही छोड़ते हैं। इन्हीं अपशिष्ट पदार्थो के कारण ही पत्तियों का रंग भूरा, पीला और लाल हो जाता है।