26 Apr 2024, 03:02:39 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

क्या आप ऐसी जिंदगी की कल्पना कर सकते हैं जिसमें दुनिया से काटकर व्यक्ति खुद को कई वर्षों तक एक कमरे में सीमित कर लें। और उसके लिए इंटरनेट सर्फिंग और इंटरनेट की दुनिया ही सबकुछ हो जाए।  आमतौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता। लेकिन भागती दौड़ती और तकनीक पर तेजी से निर्भर हो रही दुनिया में इस तरह ही कुछ चीजें देखने को मिल जाती है। जीं हा ऐसी ही हिकीकोमोरी की समस्या, जो आजकल हमें देखने को मिल रही है।
हिकीकोमोरी की समस्या
हिकीकोमोरी की समस्या यानी ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति खुद को सामाजिक रूप से काटकर तकनीक से बनाई अपनी दुनिया में सीमित हो जाता है। इसमें व्यक्ति खुद को समाज से पूरी तरह से काट लेता है। एक अनुमान के मुताबिक अभी करीब दो लाख युवा हिकीकोमोरी है। जिस जापान को दुनियाभर में तकनीक के क्षेत्र में रोल मॉडल के रूप में देखा जाता है। वहां करीब 7 लाख लोग इस समस्या से ग्रस्त है कि इस अवस्था में मरीज खुद बाहरी दुनिया से छिपा रहता है। ऐसे में साइतो भी मानते है। कि मरीजों की संख्या करीब 10 लाख भी हो सकती है। अब हिकीकोमोरी होने की औसत आयु भी बढ़ गई है ।
इस पर हो रहे हैं शोध
क्या आप जानते है कि जापान में हिकीकोमोरी के विशेषज्ञों में से डॉक्टर ताकाहिरो कातो इस समस्या को रोकने पर काम कर रहे है, ताकि आने वाली पीढी को इसके व्यापक तौर पर नुकसान से दूर रह सकें। वह ऐसा इसलिए कर रहे है क्योंकि वह खुद छात्र जीवन में हिकीकोमोरी के शिकार रह चुके है। 1990 के दशक मे तमाकी साइतो ने मनोवैज्ञानिक के रूप मे अपना करियर शुरू ही किया था। उनके पास ज्यादातर ऐसे परिजन आ रहे थे जिनके बच्चों ने स्कूल जाना छोड़कर कमरे में अकेले रहना शुरू कर दिया था।
सामाजिक और स्वास्थ्य के नुकसान
हिकीकोमोरी को सामाजिक और स्वास्थ्य के लिहाज से बीमारी के रूप में देखा जा रहा है। खासकर युवाओं में इस तरह की समस्या देखी जा रही है। इस समस्या में व्यक्ति खुद को समाज से अलग कर बेडरूम तक सीमित कर लेता है। यहां तक की ऐसी स्थिति में वह खुद को वर्षों तक रख सकता है।
बुजुर्गों के बीच भी देखने को मिले कई मामले
जापान के फुकुओका में क्यूशू यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ, इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश कर रहे है। उनका कहना है कि उन्होंने 50 वर्ष से ऊपर के लोगों मे भी इस तरह के गंभीर मामले देखे है जिन्होंने खुद को सामजिक रूप से 30-30 साल तक अनगाव की स्थिति में रखा।
हिकीकोमोरी के कारण
1. कई बार नौकरी और परिवार के प्रति जिम्मेदारियों से बचने के लिए भी युवा हिकीकोमोरी के शिकार हो जाते है। करियर और पढ़ाई के मामलों पर परिवार से हुए मतभेद के कारण अंतर्मुखी होकर एकाकी जीवन बिताने लगते है।
2. सामाजिक भय के कारण भी अक्सर युवा हिकीकोमोरी के शिकार हो जाते है।
 

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