संसार में किन्हीं भी दो व्यतक्तियों की उंगलियों के निशान एक जैसे नहीं हो सकते हैं। प्रकृति ने सभी की उंगलियों की त्वाचा की संरचना इस प्रकार से की हैं कि किन्हीं दो व्येक्तियों की संरचना एक जैसी नहीं हैं। हालांकि जीवन-भर व्यक्ति के शरीर में कई तरह की बढ़त और बदलाव होते रहतें हैं, लेकिन हाथ-पैंरों की उंगलियों के निशाने में जन्म से लेकर मृत्यु तक कोई परिवर्तन नहीं होता हैं।
दो व्यंक्तियों की उंगलियों के निशान एक जैसे-नहीं होते, यह तथ्य चीन के लोगों को दो हजार वर्ष पहले से पता था और इसलिए चीनी राजा महत्वपूर्ण कागजातों पर अपने अंगूठे की निशानी लगा देते थे। इस तथ्य को सन् 1892 में एक अंग्रेज वैज्ञानिक सर फ्रंसिस गाल्टोन ने सबसे पहले सिद्ध करके दिखाया कि संसार के किन्हीं दो व्येक्तियों की उंगलियों के निशान एक जैसे नहीं हो सकते हैं।
तभी से इस तथ्य को अपराधियों का पता लगाने के लिए प्रयोग में लिया जा रहां हैं। किसी भी पुलिस विभाग में हजारों व्यक्तियों के उंगलियों के निशानों के चित्र एक फाइल में रहते हैं। इन निशानों से मिनटों में अपराधियों का पता लग जाता हैं। इन सभी कारणों से उंगलियों के निशान महत्वपूर्ण होते हैं।